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अमेरिका जाने पर पता लगा कि हो गया ठगी का शिकार, भटकने के बाद पुलिस का लिया सहारा

राजस्थान के सीकर जिले में एक स्टूडेंट को पढ़ाई के लिए अमेरिका जाने के बाद खुद के साथ ठगी होने का पता चला।

सीकरJan 23, 2021 / 11:44 am

Sachin

अमेरिका जाने पर पता लगा कि हो गया ठगी का शिकार, भटकने के बाद पुलिस का लिया सहारा

अमेरिका जाने पर पता लगा कि हो गया ठगी का शिकार, भटकने के बाद पुलिस का लिया सहारा

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में एक स्टूडेंट को पढ़ाई के लिए अमेरिका जाने के बाद खुद के साथ ठगी होने का पता चला। एक कंसलटेंसी ने उसे एमबीबीएस की पढ़ाई कराने के नाम पर स्टूडेंट की जगह टूरिस्ट वीजा पर अमेरिका भेज दिया। जिसके वहां पहुंचने के बाद मामला खुला तो उसे 17 लाख रुपए की ठगी होने का अहसाह हुआ। जिसके बाद वह इधर- उधर भटकता रहा। आखिर में उसने उद्योग नगर पुलिस थाना में मुकदमा दर्ज करवाया।

ये है मामला
उद्योगनगर पुलिस के अनुसार प्रशांत पुत्र पूर्णाराम निवासी बिरानियां फतेहपुर ने मामले में रिपार्ट दर्ज करवाई है। जिसमें बताया कि एमबीबीएस करने के लिए मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया से अप्रूव्ड मेडिकल यूनिवर्सिटी की तलाश कर रहे थे। इसी बीच ई मित्र संचालित करने वाले मामा के लड़के हरीश ने परिचित राकेश भूकर के परिचित महेश ढाका व रविन्द्र काजला द्वारा विदेश से छात्रों को एमबीबीएस करवाने की बात कही। इस पर जुलाई में वह अपने पिता और हरीश कुमार के साथ पिपराली रोड पर उनके ऑफिस गए। वहां पर महेश ढाका व रविंद्र काजला ने उन्हें बताया कि यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के बीलाइज में कोलम्बस सेंट्रल यूनिवर्सिटी है। यूनिवर्सिटी पांच साल एमबीबीएस करवाती है और उसका खर्चा 41 लाख रुपए आएगा। उन्होंने कॉलेज की साइट पर यूनिवर्सिटी का नाम मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया की सूची में शामिल दिखाया था। इसके बाद उन्होंने कॉलेज में पहले सेमेस्टर के नाम पर 17 लाख रुपए मांगे। वे सब लोग दोनों के झांसे में आ गए। इसके बाद जीजा राजकुमार के खाते से 2.50 लाख, हरीश ने 3.90 लाख रुपए नगद, पिता के खाते से 3.25 लाख रुपए व 3.60 लाख रुपए नगद व अलग बैंक के जरिए उन्हें 17 लाख रुपए दे दिए। इसके बाद दोनों ने उसे 3 नवम्बर को बीलाइज में कोलम्बस सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए भेज दिया। वह 5 नवम्बर को वहां पर पहुंच गया।


स्टूडेंट वीजा की बजाय टूरिस्ट वीजा पर भेजा
वह बीलाइज में पहुंचा तो पता लगा कि दोनों ने उसे स्टूडेंट वीजा पर नहीं भेजा है। उसे टूरिस्ट वीजा पर भेज कर ठगी की गई है। साथ ही दोनों ने उनको कॉलेज की फर्जी साइट दिखाई थी। जिसमें यूनिवर्सिटी का नाम मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया की सूची में शामिल दिखाया था। उसने 2020 की एमसीआई की अप्रूव्ड लिस्ट देखी तो पता लगा कि कोलंबस सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉलेज का नाम मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया की सूची में शामिल नहीं था।


कॉलेज प्रिंसिपल बोला एजेंट से बात करों
यूनिवर्सिटी में परेशान होने के बाद वह कॉलेज के प्रिंसीपल के पास बात करने के लिए गया। प्रिंसिपल ने उसे कहा कि इसमें कॉलेज की कोई गलती नहीं है। आप एजेंट से ही बात करों। इसके बाद वह सीकर वापस आ गया। वापस आने के बाद दोनों एजेंट से बात की तो उन्होंने कुछ दिनों में रुपए वापस देने की बात कहीं। लॉकडाउन लगने के बाद दोनों रुपए देने में आनाकानी करने लग गए। इस दौरान वे दोनों के पास गए तो उन्होंने रुपए देने से मना कर दिया। रुपए नहीं मिलने पर उन्होंने मामला दर्ज कराया।

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