गीले कचरे से बनेगी खाद
गीले कचरे के निस्तारण के लिए कम्पोस्ट प्लांट लगाया जाएगा। कचरे से निकलने वाले सड़े गले भोजन, बाग-बगीचे के कचरे सहित अन्य सामग्री जो दोबारा उपयोग में नहीं लाई जा सकती उससे जैविक खाद तैयार की जाएगी।
गीला-सूखा और प्लास्टिक कचरा होगा अलग
नानी गांव में लगने वाले इस प्लांट से गीला-सूखा और प्लास्टिक कचरा अलग किया जाएगा। प्लांट पर करीब 90 लाख रुपए की लागत आएगी। मशीन के साथ सफाईकर्मियों की टीम का भी इस कार्य में उपयोग किया जाएगा। कचरे को रिसाइकिल करने के बाद दबाव बनाकर प्लास्टिक कचरे की सिल्लियां बनाई जाएगी।
पत्रिका अभियान का असर
सीकर शहर में हर दिन औसत डेढ़ सौ टन कचरा एकत्र होता है। नगर परिषद के पास वर्तमान में कचरा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं होने से यह कचरा नानी के बीड़ में डाला जा रहा है। ऐसे में वहां करीब पांच किलोमीटर क्षेत्र में कचरे के ढ़ेर लग गए हैं। पत्रिका ने समाचार अभियान शुरू किया। नगर परिषद ने कचरे के निस्तारण के लिए प्लांट की योजना पर फिर कार्य शुरू किया है।
श्रवण कुमार विश्नोई, आयुक्त, नगर परिषद सीकर