गोविन्द नगर आवासीय योजना
पिछली कांग्रेस सरकार के समय बनी यूआईटी ने गोविन्द नगर आवासीय योजना का सपना दिखाया। यह योजना आज भी लोगों के लिए सपना बना है। क्योकि जमीनी विवाद के कारण योजना अटक गई थी। फिलहाल गेंद राज्य सरकार के पाले में है। इस योजना से दस हजार लोगों के आवास का सपना जुड़ा है। यदि यह
कॉलोनी डवलप होती है तो सीकर के आसपास के गांवों को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा।
यूआईटी में सचिव सीनियर आरएएस अधिकारी अब तक नहीं लगा है। अभियंता व लिपिकों के पद अब तक रिक्त हैं। इस कारण काम की रफ्तार काफी धीमी है। एेसे में यहां स्टाफ नियुक्त कराना भी बड़ी चुनौती है। क्योकि जिला कलक्टर कई बार राज्य सरकार को पत्र लिख चुके है। लेकिन अभी तक एक भी नियुक्ति नहीं हुई।
यूआईटी के पास शहर की बाहरी सीमा की जमीन है। लेकि समस्या यह है कि ज्यादातर भूमि चारागाह किस्म की है। राजस्व मंडल व स्वायत्त शासन विभाग ने भूमि रूपान्तरण से साफ इंकार कर दिया। अब मामला राज्य सरकार स्तर पर लंबित है। एेसे में यूआईटी की जमीन का भूमि रूपान्तरण करवाना भी बड़ी चुनौती रहेगी।
जगमालपुरा में भी आवासीय योजना की योजना है। यहां का ले-आउट प्लान भी बन चुका है। लेकिन मंजूरी नहीं मिली। इसी तरह सबलपुरा में व्यावसायिक योजना प्रस्तावित है। यूआईटी के पास काफी जमीन है। लेकिन धरातल पर एक भी प्रोजेक्ट नहीं आया है। इस कारण लोगों के लिए अब तक यूआईटी महज कागजी प्रोजेक्ट है।
…इसलिए मिली गद्दी
&जिलाध्यक्ष रहते हुए पार्टी का विजय तिलक
पिछले विधानसभा चुनाव के समय हरिराम रणवां भाजपा जिलाध्यक्ष थे। धोद सहित सीकर की अन्य सीटों पर पार्टी को जीत दिलाना बड़ी चुनौती थी। रणवां आलाकमान के भरोसे पर पूरी तरह खरे उतरे। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर माकपा के किले में भी सफलता दिलाई।
विधानसभा चुनाव के बाद रणवां का लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर मजबूती से सामने आया। इस दौरान शीर्ष नेत्तृव ने रणवां के स्थान पर स्वामी सुमेधानंद सरस्वती को टिकट दिया। इस दौर में भी उन्होंने संगठन और आलाकमान पर विश्वास बनाए रखा। इस दौरान संगठन ने उन्हे लाल बत्ती देने के संकेत दिए थे।
ला ल बत्ती का रणवां ने लगभग तीन वर्ष तक इंतजार किया। लेकिन वह लगातार प्रयास में जुटे रहे। विरोधी खेमे ने आलाकमान के सामने कई तरह की शिकायत
दी। बीच में यूआईटी चैयरमेन के लिए दूसरे लोगों के नाम भी चलने लगे।
सीकर को आगे ले जाना होगा लक्ष्य : रणवां
पत्रिका: यूआईटी की राह में कई चुनौती है और समय काफी कम है। कैसे आमजन की उम्मीदों पर खरा उतर सकेंगे।
रणवां: मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने जिस विश्वास के साथ मुझे बनाया है उनकी उम्मीदों पर निश्चत तौर पर खरा उतरुंगा। समय कम है लेकिन इच्छा शक्ति दृढ़ हो तो सब काम आसान हो सकते हैं। मेरा लक्ष्य सीकर यूआईटी को प्रदेश की अन्य यूआईटी से आगे ले
जाना है।
पत्रिका : सीकर भू-माफियाओं के लिए पहले से बदनाम है। इस पर किस तरह से आप अंकुश लगाएंगे।
रणवां : हम लैण्ड बैंक बनाएंगे। इसके जरिए किसी का हक कोई नहीं मार सकेगा। दलाल व भूमाफिया व भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करेंगे।
पत्रिका : आपकी नियुक्ति से पार्टी का एक खेमा नाराज है। विरोधियों की वजह से नियुक्ति में देरी हुई।
रणवां: एेसा बिल्कुल भी नहीं है। पार्टी के सभी विधायक, सांसद, जिला प्रमुख सहित अन्य पदाधिकारियों ने बधाई दी है। सभी मिलकर एेसा काम करेंगे कि विरोधी देखते ही रह जाएंगे।