क्या है मामला
रैला खनन क्षेत्र में जाने वाले रास्ते को वनभूमि होने के कारण वन विभाग द्वारा रास्ता बंद कर दिया था। वाहनों के आवागमन के बंद हो जाने के बाद रैला में खनन कार्य भी पूरी तरह बंद हो गया। 19 फरवरी को वन विभाग के शासन सचिव ने 0.44 हैक्टेयर वन भूमि को सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रस्ताव पर सीसी रोड के लिए प्रत्यावर्तित करने के आदेश जारी किए थे। आदेश जारी होने के अगले दिन गुरुवार को ही खान संचालक मशीनें लेकर यहां रास्ता बनाने के लिए आ गए। जिसका जाटवास तथा बख्शीपुरा गांव के ग्रामीणों ने विरोध किया। इसके बाद यहां काम बंद हो गया। शुक्रवार को खान संचालक भारी पुलिस बल के साथ दो पोकलैन मशीन लेकर यहां पहुंचे तथा रास्ता बनाने का काम शुरू कर दिया। आरोप है कि विरोध करने पर जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस की कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज महिलाएं भी आ गई तथा मशीनों के सामने आकर बैठ गई। महिलाओं के आने के बाद यहां काम बंद हो सका। बाद में ग्रामीणों ने पुलिस थाने में आकर अवैध रुप से रास्ता बनाने के विरोध में रिपोर्ट दी। देर रात तक इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।
प्रशासन के रवैये से परेशान ग्रामीण
जाटवास व बख्शीपुरा के ग्रामीण पुलिस व प्रशासन के रवैये से हैरान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले दो दिन से वे महिलाओं व बच्चों के साथ यहां अवैध रूप से बनाए जा रहे रास्ते का विरोध कर रहे हैं। जिसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला कलक्टर तक को की जा चुकी है इसके बावजूद कुछ लोग बेखौफ दो दो पोकलैन मशीन लेकर यहां रास्ता बनाने में लगे हुए हैं। पुलिस की मौजूदगी में रास्ता बनाया जा रहा है।