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सीकर

क्या आपने देखी है विरोध की ऐसी तस्वीर…जान की नहीं परवाह, लेकिन अन्याय तो नहीं सहेंगे ये लोग

पुलिस की मौजूदगी में दिया जा रहा था खनन माफियाओं को रास्ता।

सीकरFeb 22, 2020 / 06:08 pm

Gaurav

क्या आपने देखी है विरोध की ऐसी तस्वीर...जान की नहीं परवाह, लेकिन अन्याय तो नहीं सहेंगे ये लोग

क्या आपने देखी है विरोध की ऐसी तस्वीर…जान की नहीं परवाह, लेकिन अन्याय तो नहीं सहेंगे ये लोग

सीकर. जिले के पाटन कस्बे के रैला खनन क्षेत्र में गैर कानूनी तरीके से रास्ता निकालने की खनन माफियाओं की कोशिश उस समय धरी पर धरी रह गईं जब महिलाओं ने इसे अन्याय बताते हुए रास्ते खोदने वाली पोकलेन मशीन पर ही चढ़ गईं।
दरअसल पूरी कहानी चहेतों को फायदा पहुंचाने की है। इसके लिए नियमों को कैसे ताक पर रखा जाता है इसका ताजा उदाहरण रैला खनन एरिया में है। पिछली भाजपा सरकार के समय 18 खानों को लेकर जमकर हंगामा हुआ। मामला तत्कालीन मुख्यमंत्री तक भी पहुंचा। इस दौरान एक आरएएस अधिकारी को एपीओ कर दिया गया। विधानसभा चुनाव के दौरान खान माफिया को घेरने वाली कांग्रेस सरकार अब पर्दे के पीछे के चहेतों को फायदा पहुंचाने में जुटी है। रैला इलाके में पिछले एक साल से बंद खानों को दुबारा चालू कराने के लिए लगातार खान माफिया दवाब बनाने में जुटे थे। लेकिन एक साल तक कोई राहत नहीं मिली। अब वन भूमि के डायवर्जन के सहारे पैतरा बदला है। इस आदेश के बाद कुछ लोग रास्ते बनाने में जुटे है। इसको लेकर ग्रामीण लगातार विरोध में है। आक्रोशित महिलाएं शुक्रवार को सडक़ बनाने वाली जेसीबी मशीनों पर चढ़ गई। इलाके के लोगों ने पुलिस पर इस मामले में कुछ लोगों का सहयोग करने का भी आरोप लगाया है। आरोप है कि रास्ता निकालने का विरोध करने पर पुलिस ने ग्रामीणों को धमकाकर बंद कर देने की चेतावनी दी। खनन से जुड़े कुछ लोगों ने रास्ता निकालने के जुगाड़ में जन सहयोग से बनाए गए एनीकट को भी तोड़ दिया।

क्या है मामला
रैला खनन क्षेत्र में जाने वाले रास्ते को वनभूमि होने के कारण वन विभाग द्वारा रास्ता बंद कर दिया था। वाहनों के आवागमन के बंद हो जाने के बाद रैला में खनन कार्य भी पूरी तरह बंद हो गया। 19 फरवरी को वन विभाग के शासन सचिव ने 0.44 हैक्टेयर वन भूमि को सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रस्ताव पर सीसी रोड के लिए प्रत्यावर्तित करने के आदेश जारी किए थे। आदेश जारी होने के अगले दिन गुरुवार को ही खान संचालक मशीनें लेकर यहां रास्ता बनाने के लिए आ गए। जिसका जाटवास तथा बख्शीपुरा गांव के ग्रामीणों ने विरोध किया। इसके बाद यहां काम बंद हो गया। शुक्रवार को खान संचालक भारी पुलिस बल के साथ दो पोकलैन मशीन लेकर यहां पहुंचे तथा रास्ता बनाने का काम शुरू कर दिया। आरोप है कि विरोध करने पर जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस की कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज महिलाएं भी आ गई तथा मशीनों के सामने आकर बैठ गई। महिलाओं के आने के बाद यहां काम बंद हो सका। बाद में ग्रामीणों ने पुलिस थाने में आकर अवैध रुप से रास्ता बनाने के विरोध में रिपोर्ट दी। देर रात तक इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।

प्रशासन के रवैये से परेशान ग्रामीण
जाटवास व बख्शीपुरा के ग्रामीण पुलिस व प्रशासन के रवैये से हैरान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले दो दिन से वे महिलाओं व बच्चों के साथ यहां अवैध रूप से बनाए जा रहे रास्ते का विरोध कर रहे हैं। जिसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला कलक्टर तक को की जा चुकी है इसके बावजूद कुछ लोग बेखौफ दो दो पोकलैन मशीन लेकर यहां रास्ता बनाने में लगे हुए हैं। पुलिस की मौजूदगी में रास्ता बनाया जा रहा है।

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