बसपा व माकपा से लड़ा चुनाव
विधानसभा चुनाव में बसपा की टिकट पर फतेहपुर से चुनाव लडऩे वाली जरीना खान बेसवा ग्राम पंचायत से मैदान में हैं। जरीना अभी बेसवा ग्राम पंचायत की निर्वतमान सरपंच हैं। सरपंच रहते हुए उन्होंने विधायक का चुनाव लड़ा, जीत नहीं मिली तो अब फिर से सरपंच बनने की चाह में मैदान में डटी हैं। वहीं माकपा से विधायक का चुनाव लडऩे वाले आबिद हुसैन अब सरपंच चुनाव में गारिन्डा ग्राम पंचायत से मैदान में हैं। आबिद हुसैन पहली बार सरपंच के लिए मैदान में उतरे हैं।
जानें क्या कहते हैं उम्मीदवार
पंचायत पहली सीढ़ी: आबिद
आबिद हुसैन का कहना है कि ग्राम पंचायत राजनीति की पहली सीढ़ी है। लोगों ने विश्वास के साथ मैदान में उतारा है। कोई भी चुनाव छोटा-बड़ा नहीं होता।
पंचायत मेरा परिवार: जरीना
जरीना खान ने कहा कि ग्राम पंचायत तो खुद का परिवार है। विधानसभा क्षेत्र की सेवा का जनता ने मौका नहीं दिया, लेकिन वे तो ग्रामीणों की सेवा के लिए तत्पर हैं।
दांता में पत्नी बनी सरपंच और पति उपसरपंच
दांतारामगढ़. खाटूश्यामजी. गांवों की सरकार के उप सरपंच के चुनाव में रविवार को भी कई स्थानों पर रोचक सियासी तस्वीर नजर आई। दांता ग्राम पंचायत चुनाव में पत्नी सरपंच बनी वहीं पति उपसरपंच। शनिवार को हुए मतदान में ग्रामीणों ने विमला देवी को सरपंच चुना। शनिवार को हुए मतदान में विमला देवी ने 2808 मत प्राप्त करते हुए अपने प्रतिद्वंदी संतरा देवी को 222 मतों से हराया। वहीं अगले दिन उपसरपंच के चुनाव में सभीं पंचों ने मिलकर सरपंच के पति कैलाश कुमावत को चुना। दांता ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने पलक पावड़े बिछाते हुए सरपंच व उपसरपंच का स्वागत किया। उपसरपंच कैलाश कुमावत पूर्व पंचायत समिति सदस्य भी रह चुके हैं। इससे पहले वर्ष 2010 में कृष्णा कंवर सरपंच और उनके पति ठाकुर ओमेंद्र सिंह उपसरपंच बने थे।