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सीकर

कहीं रिमझिम तो कहीं झमाझम बरसे बादल, निचले इलाकों में भरा पानी

राजस्थान के सीकर जिले में सावन के दूसरे सोमवार को भी इंद्रदेव मेहरबान रहे। जिले के नीमकाथाना, गणेश्वर, टोडा, खंडेला, श्रीमाधोपुर, अजीतगढ़ तथा धोद व दांतारामगढ़ के कई इलाकों में सुबह से ही बरसात का दौर शुरू हो गया।

सीकरAug 02, 2021 / 06:46 pm

Sachin

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सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में सावन के दूसरे सोमवार को भी इंद्रदेव मेहरबान रहे। जिले के नीमकाथाना, गणेश्वर, टोडा, खंडेला, श्रीमाधोपुर, अजीतगढ़ तथा धोद व दांतारामगढ़ के कई इलाकों में सुबह से ही बरसात का दौर शुरू हो गया था। जो दिनभर रिमझिम तो कहीं झमाझम बरसी। हालांकि शहर में छाए बादल दिनभर तरसाते रहे। कमोबेश जिलेभर में हुई हल्की बरसात व बादलों की आवाजाही से मौसम दिनभर सुहाना बना रहा। इधर, मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को भी प्रदेश में मानसून के मंगलकारी रहने के आसार है। पूर्वी राजस्थान में फिर भारी से अति भारी बरसात हो सकती है।

निचले इलाकों में भरा पानी
बरसात से कई इलाके जलमग्र हो गए। खंडेला, श्रीमाधोपुर, टोटा, टपकेश्वर में तो सड़कें दरिया बन गई। कस्बे व आसपास के अंडरपास में पानी भराव से कई गांवों का संपर्क टूट गया। निचले इलाकों में पानी भराव से स्थानीय लोगों की परेशानी भी बढ़ गई। कई जगह तो पहले की बरसात के पानी की निकासी होने से पहले ही हुई बरसात आफत बन गई।

पानी निकासी के लिए धरना
इधर, लक्ष्मणगढ़ में बरसात के पानी की निकासी बड़ी समस्या बन गई है। जिसके विरोध में भाजपा पार्षदों ने नगरपालिका में धरना दिया। भाजपा के पार्षद सुबह ही नगर पालिका पहुंचकर ईओ कक्ष के बाहर धरने पर बैठ गए। जो देर तक प्रदर्शन करते रहे।

कल भी बरसात की संभावना
राजस्थान में मानसून की गतिविधियां मंगलवार को भी जारी रहेगी। जिसका असर पूर्वी राजस्थान में ज्यादा होगा। जहां अति भारी से अत्यंत भारी बरसात हो सकती है। जबकि पश्चिमी राजस्थान के कुछ इलाकों में भी भारी बरसात होने के आसार है। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार वर्तमान में दक्षिण हरियाणा पर निम्न दबाव क्षेत्र बना हुआ है। वहीं एक अच्छी तरह से चिन्हित दबाव क्षेत्र उत्तर प्रदेश व आसपास के क्षेत्र में बना हुआ है। जिसकी वजह से राजस्थान में मानसून पूरी तरह सक्रिय है। केंद्र के अनुसार पिछले कुछ दिनों की मानसून की सक्रीयता से प्रदेश में बरसात औसत से महज तीन फीसदी कम रह गई है। जो पहले 30 फीसदी कम थी। आगामी दिनों की बरसात से राजस्थान में इस बार औसत से भी ज्यादा बरसात होने की पूरी संभावना बनी हुई है।

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