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सीकर

JEE Advanced: दस साल के परिणामों के आधार पर सबसे कम रही कट ऑफ

सीकर. जेईई एडवांंस के परिणाम में शिक्षानगरी के होनहारों ने इतिहास रच दिया है। विजय दशमी के मौके पर घोषित जेईई एडवांस के परिणाम ने होनहारों का परिणाम की खुशियों से विजय तिलक कर दिया है।

सीकरOct 16, 2021 / 08:07 am

Sachin

JEE Advanced: दस साल के परिणामों के आधार पर सबसे कम रही कट ऑफ

JEE Advanced: दस साल के परिणामों के आधार पर सबसे कम रही कट ऑफ

सीकर. जेईई एडवांंस के परिणाम में शिक्षानगरी के होनहारों ने इतिहास रच दिया है। विजय दशमी के मौके पर घोषित जेईई एडवांस के परिणाम ने होनहारों का परिणाम की खुशियों से विजय तिलक कर दिया है। शेखावाटी के इतिहास में पहली होनहारों ने टॉप रैंकों पर कब्जा भी जमाया है। एक्सपर्ट ने इस साल के परिणाम को इतिहास का सबसे बेहतर परिणाम भी बताया है। शिक्षानगरी के 700 से अधिक होनहारों ने सफलता हासिल की है। कोरोनाकाल में हुई इस परीक्षा में होनहारों के सामने पढ़ाई से लेकर माहौल की चुनौती थी। लेकिन हमारे होनहारों ने इन चुनौती को स्वीकारते हुए विजय श्री हासिल की है। पत्रिका से खास बातचीत में टॉपर्स ने बताया कि चुनौती कोई भी उससे इंसान को घबराना नहीं चाहिए। खास बात यह है कि सीकर के 110 से अधिक होनहारों ने कक्षा बारहवीं के साथ यह सफलता हासिल कर इतिहास भी रचा है।

पिछले साल के बराबर ही रही कटऑफ, काउंसलिंग आज से
एक्सपर्ट का कहना है कि इस बार पेपर कठिन होने का सीधा असर कट ऑफ पर रहा है। इस बार कट ऑफ पिछले साल के बराबर ही रही है। पिछले करीब दस वर्षों की अपेक्षा इस साल कट ऑफ सबसे कम रही है। इस वर्ष ओपन कैटेगिरी की औसतन कट ऑफ 17.50, विषयवार 5 प्रतिशत, ओबीसी एवं एडब्ल्यूएस की औसतन 15.75 व विषयवार 4.50 प्रतिशत, एससी व एसटी एवं शारीरिक विकलांग वर्ग की औसतन 8.75 एवं विषयवार 2.50 प्रतिशत कट ऑफ रही।

1.41 लाख 699 हुए शामिल

इस वर्ष 360 अंकों का पेपर हुआ। जिसके अनुसार ओपन कैटेगिरी की औसतन कट ऑफ 63 अंक, विषयवार मात्र 6 अंक, ओबीसी एवं एडब्ल्यूएस की औसतन 56 व विषयवार 5, एससी व एसटी व शारीरिक विकलांग वर्ग की औसतन 31 व विषयवार 3 अंक पर कट ऑफ रही। इस वर्ष कुल 1 लाख 41 हजार 699 विद्यार्थी जेईई एडवांस्ड परीक्षा में शामिल हुए।

यह होंगे काउंसलिंग में शामिल
एक्सपर्ट ने बताया कि 41 हजार 862 विद्यार्थियों को काउंसलिंग के लिए घोषित किया गया। जिसमें सामान्य श्रेणी के 17 हजार 057, ओबीसी के 9150, ईडब्ल्यूएस की 5144, एससी के 7747, एसटी के 2264 विद्यार्थी शामिल हैं। इनमें 35410 छात्र एवं 6452 छात्राएं शामिल हैं। इस वर्ष विदेशों में निवासरत विभिन्न श्रेणियों के 289 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। इनमें से 176 को काउंसलिंग के लिए क्वालीफाई किया गया।


जोनवाइज टॉपर्स की स्थिति

टॉप 100 में सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स मुम्बई व दिल्ली जोन के रहे। दोनों जोन से 28-28 स्टूडेंट्स ने टॉप 100 में स्थान प्राप्त किया। इसके बाद आईआईटी हैदराबाद जोन के 27, रूडकी जोन के 13, कानपुर के 3 विद्यार्थी शामिल हैं, आईआईटी गुवाहाटी जोन का एक भी स्टूडेंट टॉप 100 में स्थान प्राप्त नहीं कर सका।

काउंसलिंग आज से
आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपलआईटी एवं जीएफटीआई के कुल 114 इंजीनियरिंग संस्थानों की 620 से ज्यादा प्रोग्राम्स के लिए 16 अक्टूबर सुबह 10 बजे से जोसा काउंसलिंग प्रारंभ होगी। इस वर्ष यह काउंसलिंग प्रक्रिया 24 नवम्बर तक छह चरणों में होगी। विद्यार्थियों को 16 से 25 अक्टूबर तक कॉलेज भरने का विकल्प दिया गया है। प्रथम राउंड का सीट आवंटन 27 अक्टूबर को जारी होगा, विद्यार्थियों को इस वर्ष सीट आवंटन के बाद दस्तावेज अपलोड कर ऑनलाइन रिपोर्टिंग करनी होगी। विद्यार्थियों को च्वाइस फिलिंग का अवसर एक बार ही दिया गया है।


ऐसे भरें विकल्प

-विद्यार्थी गत वर्षों की कॉलेजों की ओपनिंग एवं क्लोजिंग रैंकों को देखते हुए कॉलेजों को चुनने के ट्रेण्ड का अनुमान लगा सकते हैं।
-विद्यार्थी अपनी रैंक के अनुसार गत वर्षों की क्लोजिंग रैंक से नीचे की रैंक वाले कॉलेज ब्रांचों को भी अपनी रुचि अनुसार कॉलेज प्राथमिकता सूची के क्रम में शामिल करें।

-जोसा काउंसलिंग में कॉलेजों को भरने से पूर्व अपनी प्राथमिकता के कॉलेजों की सूची कागज पर बनाकर उसका आंकलन कर ही ऑनलाइन भरें ताकि गलती होने की संभावना नही रहे।
विद्यार्थियों को कॉलेज च्वाइस लॉक करने से पूर्व अवश्य पूर्ण चेक करें क्योंकि लॉक करने के बाद इसमें बदलाव संभव नहीं होगा।

 

किस रैंक पर कौनसी रैंक की उम्मीद
ऐसे विद्यार्थी जिनकी ऑल इंडिया रैंक अंडर100 है, उन्हें टॉप आईआईटी बॉम्बे, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में कम्प्यूटर साइंस मिलने की संभावना है। विद्यार्थियों की फस्र्ट च्वाइस देखें तो आईआईटी मुम्बई सीएस ब्रांच रहती है, जो कि टॉप-60 पर क्लॉज हो जाती है। इसके बाद दूसरी प्राथमिकता दिल्ली सीएस को स्टूडेंट देते हैं। तीसरी प्राथमिकता में कानपुर और मद्रास की कम्प्यूटर साइंस ब्रांच को दी जाती है। 100 से 500 रैंक के बीच दिल्ली, कानपुर की एमएनसी, चारों आईआईटी की इलेक्ट्रीकल, खडग़पुर की सीएस मिल सकती है। 500 से 1000 के मध्य बीएचयू, रुड़की, हैदराबाद, गुवाहाटी की सीएस, मुम्बई, दिल्ली, कानपुर की कोर ब्रांच मिलने की संभावना है। वहीं 1000 से 4000 के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गांधी नगर, इंदौर, मंडी, जोधपुर, धनबाद, पटना, भुवनेश्वर में कम्प्यूटर साइंस एवं मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, खडग़पुर आईआईटी में कम्प्यूटर साइंस के अतिरिक्त अन्य ब्रांचें मैकेनिकल, कैमिकल, सिविल, एयरोस्पेस, प्रोडक्शन आदि मिलने की संभावना रहती है।


4000 से 8000 के मध्य रुड़की, गुवाहाटी, खडग़पुर, हैदराबाद, वाराणसी में सिविल, कैमिकल, मेटलर्जी एवं मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में लोअर ब्रांचेंज, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू में सीएस मिलने की संभावना बन सकती है। 8000 से 12000 के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को रोपड़, मंडी, इंदौर, गांधीनगर, जोधपुर, भुवनेश्वर, पटना, धनबाद में कोर ब्रांच के अतिरिक्त अन्य ब्रांचों के साथ-साथ पुराने सात आईआईटी में बॉयलोजिकल साइंस, नेवल आर्किटेक्चर, माइनिंग इंजीनियरिंग, पॉलीमर साइंस, सिरेमिक इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचें मिलने की संभावना रहती है।


12 से 15 हजार के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को नई आईआईटी जैसे पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू की अन्य ब्रांचें मिलने की संभावना रहती है। ऐसे विद्यार्थी जिनकी जेईई-एडवांस्ड आल इंडिया रैंक काफी पीछे है, उन्हें जेईई-एडवांस्ड के आधार पर आईआईपीई विशाखापट्टनम, राजीव गांधी पेट्रोलियम, आईआईएसईआर, आईआईएसटी में आवेदन के विकल्प उपलब्ध हैं। इन सभी संस्थानों की आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

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