राजेन्द्र प्रसाद राजस्थान के झुंझुनूं जिले के मलसीसर उपखण्ड के लादूसर ग्राम पंचायत के चैनपुरा के रहने वाले थे। उधर, जम्मू कश्मीर में राजेन्द्र प्रसाद शुक्रवार रात एक बजे करवा चौथ के दिन शहीद हो गए और इधर, सुबह पत्नी फौजी पति की लम्बी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखने की तैयारी रही थी।
karva Chauth2018 : यहां शहीद पति के लिए वीरांगनाएं भी रखती हैं व्रत
शहीद राजेन्द्र प्रसार का परिवार
राजेन्द्र प्रसाद के चार बच्चे हैं। दो लड़कियों की शादी हो चुकी है। बेटे प्रदीप का एसएसबी में सलेक्शन हो चुका है। वहीं दूसरे बेटे का नाम सत्येन्द्र है। राजेन्द्र प्रसाद की पार्थिव देह रविवार सुबह दस बजे गांव पहुंंची। 11 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
उपचार के दौरान तोड़ा दम
जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले में राजेन्द्र प्रसाद घायल हो गए थे। इनको अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घटना के बाद आतंकी मौके से फरार हो गए। मौके पर पहुंचे सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया।
दो बार बाल-बाल बचे थे
जानकारी के अनुसार आतंकियों ने पहले ग्रेनेड फेंका, जिसे संतरी ने विफल कर दिया था और राजेन्द्र प्रसाद बाल-बाल बच गए थे। इसके बाद आतंकियों ने फिर से हमला किया और इस बार हैंड ग्रेनेड फेंका। इस बार के हमले भी राजेन्द्र प्रसाद बाल-बाल बच गए थे। दो बार बचने के बाद राजेन्द्र प्रसाद पूरी बहादुरी से आतंकियों को सामना कर रहे थे। तीसरी बार में आतंकियों ने फायरिंग की, जिसमें एक गोली राजेन्द्र प्रसाद की गर्दन के पास लगी और वे शहीद हो गए।
तस्वीर : शहीद जवान को श्रद्धांजलि देतीं एसडीएम व झुंझुनूं पुलिस के अधिकारी व अन्य।