कार्यक्रम के प्रारंभ में आयोजन समिति ने कवियों का सम्मान किया गया। कवि हरीश हिंदुस्तानी के संयोजक में हुए कवि सम्मेलन में देर रात तक कविता पाठ चला। कवि श्याम अंगारा ब्यावर ने हमारे ताज माथे के, राम से बढ़कर कोई ताज नहीं, राम का मंदिर किसी फैसले का मोहताज नहीं…कविता सुनकर जोश भरा। अंगारा ने च्मृत्यु तो उसके भय से ही भगती फिरती, छुप-छुप रोती, मैं उस शहीद की दुल्हन हूं, जो कभी नहीं विधवा होतीज्… सुनकर शहीदों को नमन किया।
प्रेमरस की कवयित्री सुमन सोलंकी आगरा ने धीरे-धीरे जादू मेरा चल जाएगा, दिल तेरे हाथों से निकल जाएगाज्…कविता सुनकर तालियां बटौरी। कवि गजेंद्रसिंह ने च्रोज करते रहे, करते रहे गुनाह हम बेटे की शौक में, कितने ही मैडल मार दिए हमने कोख मेंज्…सुनाकर लोगों को भावुक कर दिया। कवि मेघ श्याम मेघ भरतपुर ने च्राम का लिया न नाम रटा बस दाम-दाम, और सोचते रहे कि दाम सत्य हो गया …सुनाकर कवि सम्मेलन को परवान चढ़ाया।
हास्य कवि हिंदूस्तानी ने भी व्यंग्य रचनाओं से खुब मनोरंजन करवाया। इससे पहले देर शाम को विवेकानंद चौक में दीपोत्सव मनाया तथा आतिशबाजी की गई। स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को माल्यार्पण की गई। इस मौके पर अनिल गुप्ता, विद्याधर हलवाई, महेंद्र सैनी, पूर्व पार्षद मनोहरलाल जांगिड़, पार्षद सुरेश जलिंद्रा, विक्रम शर्मा, राजेंद्र टेलर, रामजीलाल, सुशील पदमपुरिया, बैजनाथ मोदी, आशीष जांगिड़, कुलदीप ढाका, देवकरण सैनी, सुरेश डालमिया, रवि भारतीय सहित अन्य उपस्थित थे।
खूब लगे ठहाके
सूरजगढ़. स्टेशन रोड स्थित सुद्राणियों के नोहरे में शनिवार को नव वर्ष समारोह समिति की ओर से रात्रि में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन हुआ। कवियों की देर रात्रि तक चली प्रस्तुतियों से लोग खूब हंसी के ठहाके लगाते रहे। नवलगढ के कवि हरीश हिंदुस्तानी, आगरा की कवियत्री सुमन सोलंकी, ब्यावर के श्याम अंगारा, गजेंद्र सिंह काव्य, राज कुमार राज ने हास्य व्यग्य सुनाकर लोगों को खूब हंसाया। सम्मेलन में समाज सेवी सज्जन अग्रवाल, सेवाराम गुप्ता उपस्थित थे। समिति की और से अध्यक्ष संजय गोयल ने अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।