शावक दो तीन दिनों का ही है। घटना सीकर के पाटन इलाके की है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को शाम को पाटन निवासी मोहम्मद सरीफ व तैयब पहाड़ी पर घूम रहे थे। इसी दौरान पाटन रैंज ऑफिस के पीछे की पहाड़ी पर उन्हें एक पैंथर का मादा शावक मिला। पैंथर से बिछुड़ा मादा शावक को वह समझ नहीं पाए और उसे बिल्ली का बच्चा समझ घर पर ले आए। घर पर उसे बकरी का दूध पिलाया और उसे घुमाया भी। बाद में उसकी हरकते देख परिजनों को शक हुआ। आस पास के ग्रामीणों की मदद से पता चला कि वह बिल्ली का बच्चा नहीं बल्कि एक पैंथर का शावक है। एकबारगी तो सुनकर घरवालें चौंक गए। हकीकत का पता चलने पर तुरंत ही इसकी सूचना वन विभाग को दी। जिस पर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मादा शावक को अपने कब्जे में ले लिया। नीमकाथाना रेंजर देवेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि उन्होंने उसे जयपुर चिडिय़ा घर के लिए भेज दिया है।
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दो दिन का था शावक
वनकर्मियों ने बताया कि शावक काफी कमजोर था। वह बारिश की वजह से भीगा हुआ भी था। वनकर्मियों के अनुसार वह जन्म के तुरंत बाद ही बिछड़ गया।