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लॉकडाउन खुला तो अपराधी हुए अनलॉक, जानें क्यों हुआ अपराध में इजाफा

सीकर. लॉकडाउन खुला तो अपराध भी अनलॉक हो गए। दो महीने के अंतराल के बाद अपराधी पूरी तरह से बेलगाम हो गए। जैसे अपराधियों को पुलिस को खौफ रहा ही नहीं। कोरोना महामारी के बाद लॉकडाउन के पहले चरण में अपराध शून्य हो गए थे। पहले, दूसरे चरण में अपराधों पर भी लॉक लगा रहा,जबकि तीसरे चरण के बाद पूरी तरह से अनलॉक हो गए।

सीकरJun 13, 2020 / 09:17 pm

Vikram

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सीकर. लॉकडाउन खुला तो अपराध भी अनलॉक हो गए। दो महीने के अंतराल के बाद अपराधी पूरी तरह से बेलगाम हो गए। जैसे अपराधियों को पुलिस को खौफ रहा ही नहीं। कोरोना महामारी के बाद लॉकडाउन के पहले चरण में अपराध शून्य हो गए थे। पहले, दूसरे चरण में अपराधों पर भी लॉक लगा रहा,जबकि तीसरे चरण के बाद पूरी तरह से अनलॉक हो गए। हत्या, बलात्कार व अपहरण के मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई। चोरी के मामलों ने तो पुलिस को बेचैन कर दिया। पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज आंकडों पर नजर डाले तो काफी हैरान करने वाले है। जनवरी से लेकर मार्च तक 12 हत्या हुई, जोकि 10 जून तक 23 हो चुकी। हत्या करने के प्रयास के 4 मुकदमे ही दर्ज हुए थे। जोकि बढ़ कर 15 हो गए। मार्च तक केवल 27 मामले ही बलात्कार के दर्ज हुए थे। 10 जून तक 41 मामले दर्ज हुए। बलात्कार के 14 मामले जिले में सामने आए। वहीं अपहरण के दो महीने में 30 मामले सामने आए। जिले में मार्च महीने में 2183 अपराधिक मामले दर्ज हुए थे। गर्मियों के सीजन में वाहन चोरियों के मामलों में कमी आती है। जबकि इनमें भी रिकॉर्ड वृद्धि हुई। रिकॉर्ड के अनुसार 10 जून तक 1107 मामले सामने आए और 3290 मामले दर्ज हुए।
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सूने मकानों पर चोरों की नजर
लॉकडाउन के बाद अधिकतर नौकरीपेशा लोग गांव में परिवार के पास चले गए। शहर में मकान सूने हो गए। तीसरे चरण में चोरों ने सूने मकानों को निशाना बना शुरू कर दिया। दो महीने में चोरों ने जिले में करीब 82 चोरी कर डाली। मार्च तक केवल 37 नकबजनी की वारदातें हुई। 10 जून तक बढ़कर 64 हो गई। इसी प्रकार मार्च तक 113 अन्य चोरियों में पुलिस ने दर्ज किए। दो महीने में 158 अन्य चोरियां दर्ज हुई। वहीं वाहनों को भी चोरों ने नहीं छोडा। करीब 38 वाहन चोरी कर लिए।

अच्छी खबर : सड़क हादसों में आई कमी

लॉकडाउन के दौरान सबसे अच्छी बात यह सामने आई कि देश में बड़े स्तर पर रोजाना होने वाली मौतों में कमी आई। रिकॉर्ड के अनुसार 2019 के आंकडों पर गौर किया जाए तो 521 दुर्घटना हुई और इस वर्ष 282 हादसे हुए। सड़क हादसों में मृतकों की संख्या में भी कमी हुई। 2019 में 232 लोगों की मौत हुई और इस साल 141 मौत हुई। जिले में मार्च के महीने तक 103 मौत हो चुकी थी। जबकि दो महीने के अंतराल के दौरान 141 लोगों की मौत हुई।

बुरी खबर : मंदी के कारण गिरावट व बेरोजगारी

बेरोजगारी बढऩे व मंदी के कारण अपराध में इजाफा होने का अनुमान है। यही कारण है कि चोरी व नकबजनी व लूट की वारदातें बढ़ रही है। व्यापारी निखिल दादलिका ने बताया कि कोरोना के कारण बाजार में मंदी छाई रहेगी। डिमांड नहीं होने के कारण कई कंपनियों ने गिरावट के डर से भारी संख्या में लोगों को नौकरी से निकाल दिया। इसके अलावा कपड़े से लेक कई व्यापार पूरी तरह से ठप्प हो गए। मार्केट में मंदी के कारण काफी व्यापार प्रभावित हुआ। इससे बेरोजगारी बढ़ गई।

अपराध तालिका पर एक नजर

अपराध : मार्च : अप्रैल : मई व 10 जून
डकैती : 2 – 2 – 5
हत्या : 12 – 13 – 23
हत्या का प्रयास : 4 – 6 – 15
लूट : 9 – 9 – 11
नकबजनी : 37 – 46 – 64
वाहन चोरी : 142 – 150 – 180
अन्य चोरी : 113 – 128 – 158
बलात्कार : 27 – 30 – 41
अपहरण : 50 – 59 – 80
अनूसूचित जाति एवं जनजाति पर अत्याचार : 55 – 63 – 87
भादस में दर्ज प्रकरण : 1790 – 2023 – 2712
लोकल एवं स्पेशल एक्ट : 393 – 528 – 578
कुल दर्ज अपराध : 2183 – 2551 – 3290

हादसों का ग्राफ गिरा

हादसे : 2017 – 2018 – 2019 – 2020
घायल : 487 – 414 – 512 – 238
मृतक : 222 – 218 – 232 – 141
कुल दुर्घटना : 432 – 417 – 521 – 282
2020 के आंकडें 10 जून तक के है, जबकि तीनों वर्ष के आंकडे 30 जून तक है।

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