वो- काटा, वो मारा की गूंज
मकर सक्रांति पर शहर सहित जिले के विभिन्न इलाकों में पतंगबाजी का दौर जारी है। छतों पर बच्चों से लेकर बुजुर्ग तथा युवतियों से लेकर महिलाएं तक जमकर पतंगबाजी का लुत्फ ले रही है। हर ओर वो काटा वो मारा की गूंज सुनाई दे रही है। मनोरंजन के लिए लोगों ने छतों पर डीजे भ्ीा लगा रखे हैं। जिनमें चलते गानों के साथ जहां तहां लोग नाच-गाना भी करते दिखाई दे रहे हैं।
बाजार सूने, छतों पर शहर
पतंगबाजी के लिए पूरा शहर मानो छतों पर उमड़ा हुआ है। ऐसे में बाजार भी सूने पड़े हैं। केवल मिठाइयों की दुकानों को छोड़ ज्यादातर बाजार बंद है। मिठाई की दुकानों पर जरूर त्योहारी भीड़ है। जो घेवर, फीणी, तिल के लड्डू की खरीदारी में जुटी है।
तीर्थ स्नान पर दान- पुण्य
आस्था के पर्व पर तीर्थ में स्नान की परंपरा भ्ीा निभाई जा रही है। लोहागर्ल, किरोड़ी तथा गणेश्वरधाम सरीखे तीर्थ पर सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। जो यहां के कुंडों में स्नान व दान कर पुण्य कमाने में जुटे हैं। इसके अलावा कई मंदिरों व सार्वजनिक स्थानों पर भी लोग भंडारा लगाकर जरुरतमंदों को भोजन करवा रहे हैं।
बन रहा श्रवण नक्षत्र का योग
मकर संक्रांति को श्रवण योग भी खास बना रहा है। सूर्य धनु से दिन में प्रात: 7: 47 बजे मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण हो चुका है। संक्रांति का विशेष पुण्य काल पूरे दिन रहेगा। मकर राशि में सूर्य के अलावा चंद्रमा, शनि, बुध व गुरु ग्रह का संचरण होगा। मकर जल की राशि है। चंद्र, गुरु व बुध सुखकारी ग्रह हैं। इनके साथ होने से सुख व समृद्धि बढ़ेगी। श्रवण नक्षत्र से स्नान पर्व का महत्व बढ़ गया है। इस तरह यह स्पष्ट है कि यह वर्ष मांगलिक एवं शुभ रहेगा। आज के दिन गर्म वस्त्र, तिल की मिठाइयां, खिचड़ी के साथ धन दान देने से शनि ग्रह से त्रस्त व्यक्ति को कष्टों से मुक्ति मिलती है। मकर सक्रांति के दिन नदियों में स्नान करने का भी बड़ा महत्व है। मान्यता है कि इससे लोगों के कष्ट दूर होते हैं और पाप से मुक्ति मिलती है।