सीकर

5वीं पास किसान बना मशरूम मैन, छप्परफाड़ कमाई से कृषि अधिकारी भी अचम्भित

Mushroom ki kheti in Hindi : सीकर के मोटाराम 25 वर्ष से कर रहे हैं मशरूम की खेती, राष्ट्रीय मशरूम अनुसंधान केन्द्र से प्रशिक्षण लिया है।

सीकरApr 24, 2018 / 10:01 pm

vishwanath saini

सीकर.

शेखावाटी की आबोहवा के विपरीत सीकर जिला मुख्यालय के पास नानी गांव के किसान मोटाराम पिछले ढाई दशक से मशरूम की खेती कर रहे हैं। मोटाराम ने घर के आहते में मशरूम की नर्सरी तैयार की, जिसमें मोटाराम ने ऋषि मशरूम, पिंक मशरूम, शाजर काजू, काबुल एंजाई, ब्लैक ईयर, ओयस्टर, डीजेमोर, सिट्रो, सागर काजू सरीखी 16 किस्म की मशरूम तैयार कर शेखावाटी के मशरूम मैन के रूम में पहचान कायम की है।

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VIDEO : इस किसान ने थोड़ा सा दिमाग लगाया तो खेती से होने लगी लाखों की कमाई

 

बिना किसी डिग्री के पांचवीं पास मोटाराम के इस कारनामे से सीकर ही नहीं बल्कि राजस्थान के कृषि अधिकारियों को अचंभे में है। मशरूम की खेती और उनके उत्पादों से वे हर साल औसतन आठ से 15 लाख रुपए सालाना की कमाई कर रहे हैं। सोलन स्थित आईसीएआर के राष्ट्रीय मशरूम अनुसंधान केन्द्र से मोटाराम ने प्रशिक्षण लिया है।

 

 

यहां तस्वीरों में देखें कैसे होती है MUSHROOM की खेती

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साधारण कमरों में 15 डिग्री कम रखते हैं तापमान

मशरूम एक फफूंद है। इसमें पौधों के समान हरित पदार्थ नहीं पाया जाता। मशरूम मृत और सड़ रहे जैव पदार्थों पर उगते हैं। इसमें 35 तरह के प्रोटीन पाए जाते हैं। इतने प्रोटीन किसी भी सब्जी व दालों में नहीं होते। खास बात यह है कि इसमें बिटामिन डी भी होता है। विटामिन डी सूर्य की किरणों से प्राप्त होता है। इसके लिए वे सामान्य कमरों में पन्द्रह डिग्री तापमान को कम रखते हैं।

Mushroom sikar Rajasthan

यूं तैयार करते हैं मशरूम
सीकर के गांव नानी निवासी किसान मोटाराम ने 75 फीसदी गेहूं की तूड़ी और 25 प्रतिशत गेहूं के चापड़ को पानी में मिलाकर गीला किया। इसके बाद 80 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया। सोलन और सोनीपत से स्पार्म (बीज) लोकर पांच किलो के पिण्ड बनाकर मिला दिया। पिण्ड को पॉलीथिन की थैली में पैक कर दिया। 15 दिन तक 20 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखा। पिण्ड सूखने के बाद पॉलीथिन हटा दी और बीस दिन बाद मशरूम का उत्पादन शुरू हो गया।

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