scriptचमत्कार: माइनस डिग्री तापमान में भी गर्म रहता है राजस्थान के इस तीर्थ स्थल का पानी, पुराणों से जुड़ी है कथा | Miracle: The water of this shrine of Rajasthan remains warm even in mi | Patrika News
सीकर

चमत्कार: माइनस डिग्री तापमान में भी गर्म रहता है राजस्थान के इस तीर्थ स्थल का पानी, पुराणों से जुड़ी है कथा

राजस्थान के सीकर जिले के नीमकाथाना में अरावली की सुरम्य पहाडिय़ों की गोद में बसा गणेश्वर। यहां के गालव गंगा तीर्थ का जितना पौराणिक व पुरातात्विक महत्व हैै, उतना ही यह अजब व अद्भुद भी है।

सीकरFeb 19, 2020 / 12:00 pm

Sachin

चमत्कार: माइनस डिग्री तापमान में भी गर्म रहता है राजस्थान के इस तीर्थ स्थल का पानी, पुराणों से जुड़ी है कथा

चमत्कार: माइनस डिग्री तापमान में भी गर्म रहता है राजस्थान के इस तीर्थ स्थल का पानी, पुराणों से जुड़ी है कथा

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले के नीमकाथाना में अरावली की सुरम्य पहाडिय़ों की गोद में बसा गणेश्वर। यहां के गालव गंगा तीर्थ का जितना पौराणिक व पुरातात्विक महत्व हैै, उतना ही यह अजब व अद्भुद भी है। वजह है यहां बना कुंड और एक झरना। जो पास होने पर भी उनमें पानी का नेचर बिल्कुल अलग है। गौ मुख से बहने वाले झरने में जहां ठंडा पानी आता है, तो कुंड में सैंकड़ों साल से गर्म पानी बह रहा है। इस प्राचीन स्थल को गालव ऋषि की तपोस्थली कहा गया है। ऐसे में पानी को भी दैवीय चमत्कार के साथ जोड़कर देखा जाता है। पौराणिक तीर्थ स्थल की मान्यता की वजह से यहां रोजाना सैंकड़ों लोग डुबकी लगाने भी पहुंचते हैं। पानी से चर्म रोग ठीक होने का दावा भी किया जाता है। हालांकि पानी के इस चमत्कार की वजह साइंटिस्ट इसमें सल्फर की मात्रा को मानते हंै। लेकिन, ठंडे पानी के झरने से करीब 30 मीटर की दूरी पर ही गर्म पानी का बहाव अब भी विज्ञान से ज्यादा आस्था व चमत्कार को लेकर ही चर्चित है। क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में डेवलप करने के लिए भी काफी डिमांड की जा चुकी है।
माइनस टेंपरेचर में भी गर्म रहता है पानी
गणेश्वर धाम में गर्म पानी के कुंड की खास बात यह भी है कि यहां सर्दियों में भी पानी गर्म ही रहता है। टेंपरेचर माइनस में होने पर भी पानी की गर्माहट में कमी नहीं आती। पानी का तापमान यहां औसत 35 डिग्री ही रहता है। ऐसे में सर्दियों में भी तीर्थ यात्रियों की संख्या यहां कम नहीं होती।
बंद होने पर यज्ञ से शुरू हुआ पानी
ऋषि गालव की तपस्या से गर्म पानी के उद्गम वाले इस तीर्थ को लेकर यह भी कहा जाता है कि करीब 200 साल पहले इस गर्म कुंड में पानी आना बंद हो गया था। इस पर यहां एक यज्ञ करवाया गया। जिसकी पूर्णाहुति के बाद कुंड में फिर से गर्म पानी आना शुरू हुआ।
ताम्रयुगीन सभ्यता का जनक
गणेश्वर धाम में देवी देवताओं के बहुत से मंदिर हैं। जिस पहाड़ का यह हिस्सा है, वह खोखला व शास्त्रविदों के अनुसार सुमेरु पर्वत का हिस्सा बताया जाता हैं। मान्यता के मुताबिक ऋषि गालव के आदेश पर राजा रायसलसिंह ने यह गांव बसाकर यहां भगवान गणेश की आराधना की थी। इसी से यह पूरा गांव गणेश्वर कहलाया। गणेश्वर को ताम्रयुगीन सभ्यता का जनक कहा जाता है। राजस्थान राज्य पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के पूर्व निदेशक आरसी अग्रवाल व विजय कुमार की अगुआई में 1978 से 1988 के बीच प्राचीन गणेश्वर सभ्यता को खोजा गया था। जिसमें ताम्र युगीन सभ्यता के अवशेष मिले थे।

Home / Sikar / चमत्कार: माइनस डिग्री तापमान में भी गर्म रहता है राजस्थान के इस तीर्थ स्थल का पानी, पुराणों से जुड़ी है कथा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो