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मां की ममता: जब बेटे को न्याय दिलाने कैंसर से जंग लड़ रही मां पहुंची तो फूट फूटकर रोने लगा बेटा

जहां एक ओर सरकार पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने व लोगों जागरुकता करने के लिए नीत रोज प्रयास करती है। वही दूसरी ओर नीमकाथाना शहरी सरकार ने पर्यावरण को सरंक्षण देने वाले को अतिक्रमण के नाम पर उखाड़ फेंखा।

सीकरJan 18, 2019 / 04:01 pm

Vinod Chauhan

जहां एक ओर सरकार पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने व लोगों जागरुकता करने के लिए नीत रोज प्रयास करती है। वही दूसरी ओर नीमकाथाना शहरी सरकार ने पर्यावरण को सरंक्षण देने वाले को अतिक्रमण के नाम पर उखाड़ फेंखा।

मां की ममता: जब बेटे को न्याय दिलाने कैंसर से जंग लड़ रही मां पहुंची तो फूट फूटकर रोने लगा बेटा

नीमकाथाना.

जहां एक ओर सरकार पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने व लोगों जागरुकता करने के लिए नीत रोज प्रयास करती है। वही दूसरी ओर नीमकाथाना शहरी सरकार ने पर्यावरण को सरंक्षण देने वाले को अतिक्रमण के नाम पर उखाड़ फेंखा। पीडि़त की गलती सिर्फ इतनी थी कि नगर पालिका से कटने वाली पर्ची उसने नहीं कटवाई थी। हालांकि इसके लिए पालिका को नोटिस देना चाहिए था और उसके बाद कार्रवाई करनी थी।


पर्यावरण का पैरोकार भी है पीडि़त

यह नर्सरी पिछले 15 सालों से पशु चिकित्सालय के पास स्थित थी। इस नर्सरी से सैकड़ों शहरवासी पौधेे खरीदकर अपने घर,प्लॉट,खेत व फार्म हाउस पर अच्छी बागवानी कर पर्यावरण को संरक्षण देने का कार्य कर रखा हैं। इसके अलावा नर्सरी ने रोड डिवाइडर पर भी पौधे लगवा कर शहर के सौन्दर्य के चार चांद लगवाने में कमी नहीं छोड़ी। हालांकि सीजन में कई लोग इसी नर्सरी से पौधें खरीदकर बाजार में कहीं ओर सडक़ किनारे बेचते रहते है। नर्सरी ने सबसे अच्छा कार्य तो गणेश्वर के पास स्थित नेशन ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर नीमकाथाना क्रेशर एण्ड वैल्फेयर सेवा समिति की ओर से हजारों पौधे लगवाकर पर्यावरण को बढ़ावा दिया गया था। जिसमे इस नर्सरी ने समिति को बाहर से एक साथ लगभग 5 हजार पौधों की व्यवस्था करवा कर अच्छा योगदान दिया। हालांकि नगर पालिका भी शहर में पर्यावरण को बढ़ावा देन में अपनी इतिश्री पूरी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। नर्सरी मालिक पीडि़त इन्द्राज सैनी ने बताया कि वह नर्सरी लगाकर अपना परिवार तो पाल ही रहा था।
इसके अलावा बाहर से लगभग एक से डेढ़ लाख पौधें लाकर हर वर्ष क्षेत्र में लोगों के घरों व खेत खलियानों में लगवाकर पर्यावरण को बढ़ावा दे रहा था। नर्सरी को हटाने का इतना विरोध हुआ कि शहरवासियों ने सर्व समाज संघर्ष समिति के बैनर तले नगर पालिका के सामने मंगलवार से धरना शुरू जारी कर दिया। शहरी की मुख्य नर्सरी को पालिका द्वारा खुर्द बुर्द करने के बाद अब शहर में कोई दूसरी नर्सरी नहीं बची है। शहर में ये ही एक ऐसी नर्सरी थी जिसमे लोगों को चंदन, कल्पवृक्ष, क्रासूला, चेमली, साइट्स, फाइक्स सहित करीब 100 से ज्यादा तरह-तरह के पौधें मिलने के साथ-साथ गाइड लाइन भी मिला करती थी। अब अच्छे पौधें लाने के लिए लोगों को सीकर या जयपुर चक्कर लगाने पड़ेंगे। लोगों को यहां आसानी से घर सजावट के लिए कई तरह के पौधें मिल जाया करते थे।


प्रदेश स्तर पर आंदोलन की दी चेतावनी
सैनी महासभा प्रदेश अध्यक्ष मंजू सैनी ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि सात दिन में अगर पालिका न्याय देने के लिए आगे आ जाए। अन्यथा महिलाओं के साथ मिलकर प्रदेश स्तर पर अंदोलन किया जाएगा। छात्रासंघ अध्यक्ष ममता सैनी ने भी अपना समर्थन दिया। संयोजक सांवलराम यादव ने बताया कि शुक्रवार को ऑटो स्टैण्ड से सुबह 11 बजे पालिका अध्यक्ष का विरोध किया जाएगा। इस मौके पर रामेश्वर, बद्री सैनी,मनोज शर्मा,संभाष लोचिब,नरेश शर्मा, अशोक दालमील,मन्नालाल सैनी, हरिप्रसाद सैनी,पार्षद रुडमल सैनी, होशियार सिंह लांबा, बिमला सैनी, सुशिला सैनी सहित सैंकड़ों महिलाएं व पुरूष उपस्थित थे।

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