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अनदेखी: प्रदेश के तीस हजार से ज्यादा टीबी मरीज भटक रहे दवाओं के लिए

एक ओर सरकार क्षय रोग को दंश मिटाने का दावा कर रही है वहीं प्रदेश में टीबी के मरीज दवाओं के लिए तरस रहे हैं।

सीकरApr 26, 2024 / 11:20 am

Puran

एक ओर सरकार क्षय रोग को दंश मिटाने का दावा कर रही है वहीं प्रदेश सहित जिले में टीबी के मरीज दवाओं के लिए तरस रहे हैं। टीबी के उपचार के लिए जरूरी दवाओं की सरकारी अस्पतालों में 3 माह से सप्लाई नहीं हो रही है। जिसका असर प्रदेश के करीब तीस हजार मरीजों पर सीधे तौर पर पड़ रहा है। केन्द्रीय टीबी अनुभाग की ओर से दवाएं नहीं भेजे जाने के कारण सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को मेडिकल कॉलेज, अस्पताल व स्वास्थ्य केन्द्रों से दवाएं लिए बिना ही बैरंग लौटना पड़ रहा है। जिससे मरीजों सहित उनके परिजनों व सम्पर्क वाले लोगों में टीबी रोग का संक्रमण फैलने का अंदेशा बना हुआ है। रही कसर बाजार में टीबी की दवाएं नहीं मिलने से हो गई है।

बढ़ रहे एमडीआर श्रेणी के मरीज

चिकित्सकों के अनुसार टीबी रोग के मरीजों को समय पर दवाएं लेनी जरूरी होती है। नियमित दवा न लेने से शरीर में बैक्टीरिया का लोड बढ़ जाता है। कुछ दिन बाद वह दवा खाने से असर नहीं करती है। इसके कारण मरीज जटिल एमडीआर टीबी की श्रेणी में चला जाता है। अधिकांश मरीजों में इसकी आशंका व्यक्त की जा रही है। वहीं परेशानी की बात है कि एक तरफ सरकार से दवा नहीं मिल रही है दूसरी ओर निजी केमिस्टों के पास दवा न होने के कारण मरीज अपना टीबी का कोर्स पूरा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में सामान्य टीबी के मरीजों में टीबी का खतरा अधिक बढ़ रहा है।

टीबी मुक्त भारत अभियान पर असर

विशेषज्ञों के अनुसार टीबी मुक्त भारत अभियान-2025 का समय नजदीक आ रहा है लेकिन प्रदेश में पिछले एक माह से दवाओं का स्टाॅक खत्म है और मरीज टीबी का कोर्स पूरा नहीं हो पा रहे हैें। जिस कारण सामान्य टीबी से गंभीर टीबी की चपेट में मरीज आ रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार के टीबी मुक्त भारत अभियान को झटका लग रहा है। सीकर जिले में करीब आठ सौ मरीज डीएसटीबी आईपी और डीएसटीबी सीvi के मरीज है।

इनका कहना है

यह सही है कि प्रदेश में पिछले तीन माह से टीबी रोग के उपचार के लिए जरूरी दवाओं की सप्लाई नहीं हो रही है। जिसके कारण मरीजों का उपचार प्रभावित हो रहा है। हालांकि कुछ दवाएं एमएनडीवाई योजना के तहत मांगी गई है। केन्द्र स्तर से सप्लाई होने के बाद ही मरीजों को राहत मिल पाएगी।
रतनलाल जाट, जिला क्षय रोग अधिकारी

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