जगह तय, सुविधाएं नहीं जुटाई
पिपराली रोड पर बाइपास चौराहे पर स्थानांतरित करने के प्रयास पिछले तीन वर्ष से चले रहे हैं। यह क्षेत्र यूआईटी क्षेत्र में आने से नगर परिषद ने बाइपास के पास बस स्टैंड विकसित करने से पहले ही हाथ खड़े कर लिए। ऐसे में स्थान तय होने के बाद भी अभी तक वहां पर सुविधाओं का विकास नहीं हो पाया है। यातायात पुलिस संचालकों के साथ कड़ाई नहीं कर पा रही है।
जगह देख रहा है प्रशासन पुलिया के दूसरी तरफ नवलगढ़ रोड पर भी बसों का जमावड़ा रहता है। यहां पर झुंझुनूं , नवलगढ़ के साथ खिरोड़ जाने वाली बसें भी खड़ी रहती है। हर समय जाम से बचने के लिए कुछ बस संचालक अपनी बसों को वहां एक बाड़े में खड़ा करते हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से समस्या के समाधान के कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। इस क्षेत्र की बसों के लिए नया स्टैंड बनाने के लिए अभी तक तो प्रशासन जगह भी तय नहीं कर पाया है।
तीन वर्ष में लगा महज बोर्ड निजी बस स्टैंडों के स्थानांतरण करने के प्रयास की हकीकत यह है कि तीन वर्ष बाद महज एक बोर्ड लग पाया है। तीन वर्ष पहले प्रशासन ने शहर में स्लीपर बसों का प्रवेश बंद किया था। झुंझुनूं व पिलानी से आने वाली निजी बसें बाइपास से ही जाने लगी। लेकिन लोक परिवहन के लिए स्थान नहीं होने से सीकर-पिपराली रोड पर दिन के समय एक साथ तीन से चार तक बसे खड़ी रहती है। यही स्थिति नवलगढ़ रोड की है। फतेहपुर की तरफ से आने वाली बसे पुलिया पार कर यहां तक पहुंच कर जाम की समस्या को बढ़ाती है।