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सीकर

धोरों की धरती ने कभी नहीं देखा एेसा सूनापन, पुलिस अफसर बोले, इतिहास में पहला मौका

पूर्व पुलिस महानिदेशक बोले: ऐसा तो कभी नहीं हुआ

सीकरApr 09, 2020 / 05:05 pm

Ajay

Two young men came from Indore, two women did not give information

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सीकर. कोरोना वायरस के कहर ने प्रदेश में कफ्र्यू का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। राजस्थान के इतिहास के इतिहास में लगभग 40 थाना क्षेत्रों में इस तरह से अलग-अलग कफ्र्यू एक ही मामले को लेकर कभी नहीं लगा। धारा 144 लागू रहने का भी रेकार्ड है। कोरोना वायरस की वजह से इन दिनों जिन क्षेत्रों में दो से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलते है वहां तत्काल कफ्र्यू घोषित कर दिया जाता है। दुनिया के कई देशों में जहां 25 से 30 मौत पर लॉकडाउन की शुरूआत नहीं की गई वहां प्रदेश में तीन से अधिक पॉजिटिव सामने आने पर कफ्र्यू लगा दिया गया। इसका नतीजा यह रहा कि राजस्थान सामुदायिक संक्रमण को रोकने में अब तक काफी हद तक सफल रहा है।
सबसे पहले झुंझुनूं में, इसके बाद बढ़ती गई डोर
कोरोना का कहर फैलने के बाद सबसे पहले प्रदेश में शेखावाटी के झुंझुनंू जिले में कफ्र्यू लगाया गया। इसके बाद भीलवाड़ा, कोटा, जयपुर, बीकानेर, जोधपुर सहित अन्य जिलों में कफ्र्यू लगता गया।
जयपुर में सबसे ज्यादा, चार जिलों में एक-एक
प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की बात करें तो सबसे ज्यादा जयपुर में 103 है। इसके बाद भीलवाड़ा में 27, झुंझुनूं में 23, जोधपुर में 30 व टोंक में 20 पॉजिटिव केस सामने आ चुके है। इन जिलों में कफ्र्यू का असर भी सबसे ज्यादा है। इसके अलावा सीकर, करौली, धौलपुर व नागौर जिले में एक-एक ही केस सामने आया है। इन जिलों के पॉजिटिव केस के दूसरे जगह होने के कारण कफ्र्यू नहीं लगाया गया है।
1992 में कुछ हालात बिगड़े थे, लेकिन इतना लंबा कफ्र्यू नहीं: गर्ग
रामजन्म भूमि आंदोलन के समय प्रदेश में कई स्थानों पर हालात जरूर बिगड़े थे। लेकिन इतना लंबा कफ्र्यू कभी नहीं लगा। कोरोना वायरस को मात देने के लिए हम सभी को घरों में रहना होगा। इसके लिए सरकार के पास फिलहाल सबसे बड़ा विकल्प यही है कि कफ्र्यू घोषित कर दिया जाए ताकि लोग संक्रमण से बचे रह सके।
कपिल गर्ग, सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक, राजस्थान
मेरे जीवन में इतना लंबा कफ्र्यू नहीं देखा: भारद्वाज
कई बार कानून व्यवस्था के हिसाब से कुछ थाना क्षेत्रों में जरूर कफ्र्यू लगाया जाता है। लेकिन इतना लंबा कफ्र्यू और एक साथ इतने थाना क्षेत्रों में मैंने तो मेरे जीवन में कभी न तो सुना द देखा। वर्ष 1992 में कुछ थाना क्षेत्रों में जरूर लगा था। लेकिन उस समय इतने थाना क्षेत्रों में नहीं था। कोरोना वायरस तुरंत फैलता है इसलिए लॉकडाउन एक अच्छा कदम था। जिसे भारत में महामारी फैलने से ही लागू कर दिया, इससे सामुदायिक स्तर पर बीमारी को फैलने से रोक सके।
ओमेन्द्र भारद्वाज, सेवानिवृत, पुलिस महानिदेशक, राजस्थान
1960 के दशक में कुछ थाना इलाकों में कफ्र्यू
राजनैतिक कारणों से 1960 के दशक में कुछ थानों में जरूर एक साथ कफ्र्यू लगा था। अब जिस तरह कोरोना की वजह से कफ्र्यू लगा है, ऐसे हालात को कभी नहीं बने।
अमराराम, पूर्व विधायक, सीकर
प्लेग की महामारी के समय इतना सुनसान
दुनियाभर में लगभग 100 साल पहले प्लेग की महामारी फैली थी। उस दिनों कुछ ऐसे ही हालात बने थे। इसके बाद अब पूरी दुनिया में इस तरह का नजारा देखने को मिला है।
झाबर सिंह खर्रा, पूर्व विधायक, सीकर

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