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बाजार में आने लगी नई फसल, जौ के भावों में उछाल, जानिए लेटेस्ट भाव

Barley prices: बुवाई के बाद से अब तक मौसम अनुकूल रहने के कारण रबी की फसलों ने किसानों को निहाल कर दिया। थ्रेसिंग होने के साथ ही किसान अपनी उपज बेचने के लिए मंडियों व व्यापारियों के पास पहुंच रहे हैं।

सीकरMar 24, 2024 / 03:31 pm

Kamlesh Sharma

Barley prices: बुवाई के बाद से अब तक मौसम अनुकूल रहने के कारण रबी की फसलों ने किसानों को निहाल कर दिया। थ्रेसिंग होने के साथ ही किसान अपनी उपज बेचने के लिए मंडियों व व्यापारियों के पास पहुंच रहे हैं।

Barley prices: सीकर। बुवाई के बाद से अब तक मौसम अनुकूल रहने के कारण रबी की फसलों ने किसानों को निहाल कर दिया। थ्रेसिंग होने के साथ ही किसान अपनी उपज बेचने के लिए मंडियों व व्यापारियों के पास पहुंच रहे हैं। पिछले साल की तुलना में फसलों की गुणवत्ता भी बेहतर है। शुरूआत में जौ के दाम पिछले साल की तुलना में बेहतर है। सीकर मंडी में मार्च माह में ही जौ के भाव 1850 रुपए प्रति क्विंटल से ज्यादा तक पहुंच गए हैं। हालांकि कुछ समय बाद रबी की अन्य फसलों की थ्रेसिंग करवाई जाएगी। वहीं गांवों में भी छोटे व्यापारी इस उपज को खरीदकर दिल्ली व बड़ी मंडियों में ले जाकर बेचकर अपना कारोबार कर रहे है।

अप्रेल में आएंगे माल्ट व्यापारी
थोक व्यापारी सुभाष बूबना ने बताया कि माल्ट कंपनियो को सालभर चलाने के लिए जौ की जरूरत पड़ती है। जौ के स्टॉक के लिए माल्ट कंपनियों की ओर से सीकर मंडी में प्रतिनिधियों को भेजा जाता है। जिससे जौ भावों में कुछ हद तक उछाल आता है। लेकिन इस बार समय से पहले पकने के कारण अधिकांश जल्द से जल्द जौ को बाजार में बेचना चाहते हैं। जिससे फसलों को मौसम के मार से बचाया जा सके।

खेतों से बिक रहा अनाज
सीकर मंडी मे भले ही नई फसलें आने लगी है लेकिन जिम्मेदारो की अनदेखी के कारण किसानों की उपज की खेतों से सीधी खरीद हो रही है। इससे कृषि उपज मंडी के व्यापारियों की आय प्रभावित हो रही है। ग्राम पंचायतों की तर्ज पर बिचौलिए के रूप में काम करने वालों ने गांवों में अस्थाई अनाज मंडी खोल रखी है। परिवहन व्यय से बचाने के नाम पर किसानों से उपज औने-पौने दामों में खरीद ली जाती है।

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