मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना के तहत कई प्रकार की जांच होती है। लेकिन हार्मोन और एचबीएवनसी की जांच के लिए पीपीपी मोड पर संचालित लैब में जाना पड़ता है। जहां से जांच के लिए नमूने को जयपुर भेजा जाता है। जिला लैब में यह जांच होने से मरीजों को जांच के दिन ही रिपोर्ट मिल जाएगी। जिससे मरीज का समय पर इलाज शुरू हो जाएगा। साथ ही अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि मेडिकल कॉलेज के अधीन होने से जांचों का दायरा बढ़ेगा।
जिला लैब में ऑटोमेटिक डिस्फेंटिंग मेटिरियल तैयार करने वाली मशीन से वातावरण संक्रमण मुक्त होगा। इसके अलावा इस मशीन से तैयार होने वाले उत्पाद को ओटी व ट्रोमा में प्रयुक्त किया जा सकेगा। जिससे संक्रमण फैलने का खतरा दूर हो जाएगा।
ैलैब में नई मशीन लगने से पुरानी मशीनों पर कम दवाब पडेगा। इसके अलावा लोड कम होने से जांच की सटीकता भी बढ़ेगी। इसके लिए वर्कऑर्डर जारी हो गया है। – नाथूराम ढाका, लेखाधिकारी, सीकर मेडिकल कॉलेज