इसके लिए अलग से बजट जारी करने के साथ आयुर्वेद विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा। जेलों में संक्रमण को रोकने के लिए अतिरिक्त महानिदेशक कारागार मालिनी अग्रवाल ने गाडडलाइन जारी की है, जिसमें बताया गया है कि द्वितीय चरण में बढ़ रहा कोरोना संक्रमण काफी खतरनाक रूप ले चुका है। ऐसे में सभी केन्द्रीय, जिला एवं उप कारागार के सभी कार्मिकों का आरटीपीसीआर कोरोना टेस्ट करवाया जाए। साथ ही 45 वर्ष से अधिक के सभी बंदियों का जल्द वैक्सीनेशन करवाया जाए। अभी तक 45 फीसदी बंदियों का ही वैक्सीनेशन हुआ है।
आईसोलेशन वार्ड में रहेंगे नए बंदी
संक्रमण को रोकने के लिए जेल प्रशासन की नए आने वाले बंदियों पर विशेष नजर है। आरटीपीसीआर टेस्ट में निगेटिव होने पर ही बंदियों को जेल में प्रवेश मिलेगा। इसके बाद भी उन्हें सात से दस दिन तक जेल में बनाए गए आईसोलेशन वार्ड में अलग से रखा जाएगा। जेल में कोरोना के लक्षण वाले बंदियों को भी आईसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा। जांच में पॉजिटिव आने पर कोविड वार्ड में रखने की व्यवस्था होगी।
बंदी करेंगे योग प्राणायाम, मुलाकात बंद
प्रदेश की जेलों में बंदियों से मुलाकात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही सभी बंदियों के लिए नियमित रूप से योग व प्राणाम करना आवश्यक कर दिया गया है। बंदियों को कोरोना से बचाव के लिए दस दिन के लिए मल्टी विटामिन टेबलेट भी वितरित की जाएगी।
कड़ी नजर…
जेलों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसकी कड़ाई से पालना करने के लिए कहा गया है। जेलों में बंदियों की संख्या अधिक होने पर संशाधन वाली जेलों में स्थानांतरण की प्रक्रियां भी शुरू की गई है।
आलोक वशिष्ठ, महानिरीक्षक, जेल