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कांग्रेस का दावा: 70 फीसदी किसानों का हुआ कर्जा माफ लेकिन, ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आई ये सच्चाई

One Year of Rajasthan Government : कर्जा माफी ( Rajasthan Farmers Loan Waiver ) के वादे को लेकर सियासत की दहलीज पर पहुंची कांग्रेस सरकार ( Congress Government ) से शेखावाटी के किसानों को अभी भी बड़ी उम्मीद है। सरकार ( Rajasthan Government ) के पहले साल में हुई कर्जा माफी जहां कुछ किसान परिवारों के लिए राहत लेकर आई है। जि

सीकरDec 16, 2019 / 03:57 pm

Naveen

कांग्रेस का दावा: 70 फीसदी को मिला कर्जा माफी का फायदा लेकिन, ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आई ये सच्चाई

कांग्रेस का दावा: 70 फीसदी को मिला कर्जा माफी का फायदा लेकिन, ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आई ये सच्चाई

सीकर.

One Year of Rajasthan Government : कर्जा माफी ( Rajasthan farmers loan Waiver ) के वादे को लेकर सियासत की दहलीज पर पहुंची कांग्रेस सरकार ( Congress Government ) से शेखावाटी के किसानों को अभी भी बड़ी उम्मीद है। सरकार ( Rajasthan Government ) के पहले साल में हुई कर्जा माफी जहां कुछ किसान परिवारों के लिए राहत लेकर आई है। जिले के सैकड़ों परिवारों को अब भी वाणिज्यक बैंकों की भी कर्जा माफी का इंतजार है। कांग्रेस का दावा है कि सीकर जिले के 70 फीसदी किसानों को राहत मिली है। दूसरी तरफ भाजपा व माकपा सहित अन्य विपक्षी दल अभी भी सरकार को कर्जामाफी के मामले में विफल बता रहे हैं। सरकार के एक साल के मौके पर पत्रिका टीम ने सीकर जिले के विभिन्न गांव-ढाणियों के किसानों से बातचीत की तो कुछ इस तरह की तस्वीर सामने आई।


लक्ष्मणगढ़: सहकारी बैंकों से लिया कर्जा माफ
इलाके के किसानों की कर्जमाफी पर नब्ज टटोली तो मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली। नरोदड़ा के किसान जानकीलाल शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार की घोषणा के अनुसार सहकारी बैंको से लिए गए कर्ज को माफ कर दिया गया। हालांकि अब दोबारा लोन देने के लिए अधिकारी आनाकानी कर रहे है। शिवराना का बास निवासी किसान ताराचंद शिवरान ने बताया कि राज्य सरकार की चुनावी घोषणा के अनुसार अभी तक कर्ज माफी का लाभ नहीं मिला है। नरोदड़ा के राजू ख्यालिया कर्जा माफी के पैटर्न से संतुष्ट नजर आए।


श्रीमाधोपुर: केसीसी वालों को इंतजार
तहसील में किसान सरकार की योजना से संतुष्ठ नजर नहीं आए। हेलीवाली ढाणी के किसान रामावतार शर्मा का कहना है कि हमने किसान क्रेडिट कार्ड ले रखा है, जिसमें से एक पैसा भी माफ नहीं हुआ है। ढाणी मऊवाली के किसान बनवारी लाल सैनी का कहना है कि सरकार ने संपूर्ण कर्जा माफ करने की बात कही थी लेकिन वह अपने वादे पर खरी नहीं उतरी।


दांतारामगढ़: फसल खराबे पर भी मिले राहत
इलाके में किसान अभी योजना के लाभ नहीं मिलने की बात कह रहे हैं। लामियां गांव निवासी किसान भागचंद चौधरी का कहना है कि सरकार का एक साल पूरा होने के बाद भी किसानों का पूरा कर्जा माफ नहीं हुआ है। हाल ही में ओलावृष्टि के चलते दांतारामगढ इलाके में फसले चौपट होने से किसानों की कमर तोडकऱ रख दी है।


अजीतगढ़: नियमों में उलझी राशि
किसान पूरण गुर्जर व मक्खन लाल का कहना है कि इलाके के कई किसान अभी भी कर्जा माफी के नियमों में उलझी हुई है। उनका कहना है कि कर्जा माफी के लिए सरकार को एक कमेटी गठित करनी चाहिए। इसमें हर जिले से कम से कम 20-20 किसानों को शामिल किया जाना चाहिए। निजी बैंकों का कर्जा भी माफ करने की दिशा में सरकार को कदम उठाना चाहिए।


धोद: किसानों के फायदे की राह खुली
कर्जा माफी के बाद किसानों की उम्मीदें और बढ गई है। किसान गोपीराम का कहना है कि सरकार की ओर से घोषित मापदंडों के हिसाब से कर्जा माफी नहीं हुई है। सरकार मार्च के बजट में राष्ट्रीयकृत बैंको का कर्जा माफ करवा कर किसानों को बड़ी राहत दे सकती है। किसान गिरधारीलाल रणवां ने बताया कि कर्जा माफी से गरीब किसानों को काफी फायदा मिला है, लेकिन सरकार को सभी बैंकों का कर्जा माफ करना चाहिए । इससे सभी किसानों को फायदा मिलता। चाहे किसान सहकारी बैंक से लोन लिया हो या राष्ट्रीयकृत बैंक से।
फतेहपुर-रामगढ़-शेखावाटी: ज्यादातर को नहीं मिला सहारा
भाकरवासी के किसान भगवानसिंह बिजाराणियां को सीकर केन्द्रीय सहकारी बैक की फतेहपुर शाखा की ओर से उसकी कृषि भूमि पर डेढ लाख का ऋण लिया हुआ माफ हो जाने पर राहत मिल गई। लेकिन गांव के अधिकांश कृषकों को राष्ट्रीयकृत बैंक शाखा से कैसीसी पर ऋण माफी का इंतजार ही करना पड़ रहा है। तिहाय के किसान भवानी सिंह शेखावत ने बताया कि उसने राष्ट्रीयकृत बैंक शाखा से अपनी कृषि भूमि पर केसीसी के माध्यम से तीन लाख का लोन ले रखा था। लेकिन अभी तक कर्जा माफी का फायदा नहीं मिला।
मावंडा: जिम्मेदारों पर भेदभाव के आरोप
इलाके के मावंडा, डाबला, स्यालोदड़ा आदि के किसानों ने बताया कि कर्ज माफी में किसानों के साथ जिम्मेदारों ने भेदभाव किया है। डाबला के किसान विजय सिंह ने बताया कि सहकारी समितियों के कर्ज तो माफ हो गए। बैकों से लिए कर्ज माफ नहीं होने से किसान अब भी थोड़ी परेशानी में है। गांव नाथाकी नांगल के घासी राम शर्मा ने बताया कि किसानों के गांव में शिविर लगाकर कर्ज माफी के प्रमाण पत्र बांटकर किसानों को राहत दी गई।


कर्जा माफी में आंकड़ों का गणित
90 लाख से ज्यादा किसान प्रदेश में
58 लाख से अधिक किसान बैंकों के कर्जदार
2.50 लाख से अधिक किसान सीकर के कर्जदार
99 हजार करोड़ से ज्यादा कर्ज प्रदेश भर के किसानों पर
4200 करोड़ का कर्जा सीकर के किसानों पर
1.20 लाख किसानों को फायदा सीकर में

1200 करोड़ का कर्जा माफ
497 करोड़ से अधिक सीकर के किसानों का कर्जा माफ भाजपा राज में


किसानों को दी बड़ी राहत: पीएस जाट
कांगे्रस जिलाध्यक्ष पीएस जाट का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने कर्जामाफी को लेकर प्रदेश की जनता से वादा किया था। सरकार बनते ही कर्जामाफी की घोषणा को पूरा किया। इससे सीकर जिले के लगभग 70 फीसदी किसानों को फायदा मिला है।


झूठ बोले रहे हैं कांग्रेसी नेता: अमराराम
पूर्व विधायक अमराराम का कहना है कि कर्जा माफी के मामले में कांग्रेस के नेता पूरी तरह झूठ बोल रहे हैं। माकपा ने प्रदेशव्यापी आंदोलन किया तो कुछ कर्जा भाजपा राज के समय माफ हुआ था। कांग्रेस ने सम्पूर्ण कर्जामाफी की बात की थी जो अधूरी है। वाणिज्यिक बैंकों का कर्जा माफ होने पर ही किसानों को राहत मिल सकती है।


सबसे पहले भाजपा ने किया कर्जा माफ: चिराणियां
भाजपा महामंत्री विजयपाल बंटी चिराणियां का कहना है कि राजस्थान के इतिहास में भाजपा ने सबसे पहले किसानों का कर्जा माफ किया। चुनाव के समय कांग्रेस ने कर्जा माफी को लेकर झूठे वादे किए। राष्ट्रीय बैंकों का अब तक कर्जा माफी नहीं हुआ। भाजपा कार्यकर्ता सरकार की नीतियों को लेकर प्रदेशभर में प्रदर्शन करेगी।

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