मानसिक एवं शारीरिक स्वस्थता के लिए करें योग।
अच्छे गुणों को जानकर संसार ने अपनाया योग। निरन्तर अभ्यास से तन-मन प्रफुल्लित होता करने से योग।
शरीर ही नहीं आत्मा को भी स्वस्थ्य रखता प्राणायाम योग।
अच्छे गुणों को जानकर संसार ने अपनाया योग। निरन्तर अभ्यास से तन-मन प्रफुल्लित होता करने से योग।
शरीर ही नहीं आत्मा को भी स्वस्थ्य रखता प्राणायाम योग।
मत घबराओं कि भारी है सूर्य नमस्कार योग।
मिटे सभी बीमारियाँ करने से नियमित योग। मस्तिष्क व नासिका छिद्र खुल जाते,
जब करें अनुलोम विलोम योग।
पेट की बीमारी मिटे करने से कपालभाति योग। शारीरिक लम्बाई बढ़े करने से ताड़ासन योग।
ध्यान एकाग्रता शक्ति बढ़े करने से पदमासन योग।
मिटे सभी बीमारियाँ करने से नियमित योग। मस्तिष्क व नासिका छिद्र खुल जाते,
जब करें अनुलोम विलोम योग।
पेट की बीमारी मिटे करने से कपालभाति योग। शारीरिक लम्बाई बढ़े करने से ताड़ासन योग।
ध्यान एकाग्रता शक्ति बढ़े करने से पदमासन योग।
गैस कब्ज अम्ल और घुटना रोग मिटाये बज्रासन योग।
व्यस्ततम अनियमित जीवनचर्या में शारीरिक मानसिक व्याधियाँ मिटाये योग। नौकरी पेशा व्यवहार जीवनशैली में हिंसा,
आत्महत्या जैसी घटनाओं से हमें बचाएं योग।
स्वाध्याय से अज्ञानता का नाश करता है योग।
व्यस्ततम अनियमित जीवनचर्या में शारीरिक मानसिक व्याधियाँ मिटाये योग। नौकरी पेशा व्यवहार जीवनशैली में हिंसा,
आत्महत्या जैसी घटनाओं से हमें बचाएं योग।
स्वाध्याय से अज्ञानता का नाश करता है योग।
प्रकार दस राज,अष्टांग, हठ,लय,ध्यान,भक्ति,क्रिया,मंत्र,कर्म,ज्ञान है योग।
गीता उपदेशानुसार ज्ञान,कर्म,भक्ति है मुख्य योग। पौरुष, सचरित्रता बल बुद्धि श्रेष्ठता पाँचों गुण होते प्राप्त करने से योग।
पर्यावरण वातावरण, खान-पान,रहन-सहन सभी कुछ आज की अपेक्षा बहुत ही प्राकृतिक था जब करते थे आदिकाल में योग।
गीता उपदेशानुसार ज्ञान,कर्म,भक्ति है मुख्य योग। पौरुष, सचरित्रता बल बुद्धि श्रेष्ठता पाँचों गुण होते प्राप्त करने से योग।
पर्यावरण वातावरण, खान-पान,रहन-सहन सभी कुछ आज की अपेक्षा बहुत ही प्राकृतिक था जब करते थे आदिकाल में योग।
बनने से बचाये मन का काला,
पारस मणियों की माला है योग।
आओं करें योग और रहे निरोग,
घर पर योग और परिवार के साथ करें योग।… महेन्द्र सिंह कटारिया, शिक्षक, गुहाला,सीकर
पारस मणियों की माला है योग।
आओं करें योग और रहे निरोग,
घर पर योग और परिवार के साथ करें योग।… महेन्द्र सिंह कटारिया, शिक्षक, गुहाला,सीकर