प्रत्याशी का ‘आधार’
आमदनी: खेती और व्यवसाय
सोशल मीडिया: फेसबुक पेज पर 40 हजार लाइक्स, ट्विटर पर काफी कम सक्रिय।
पहचान: किसान व समाजिक कार्यक्रमों के जरिए
अनुभव: चार दफा विधायक, पालिकाध्यक्ष व माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष।
पांच साल सक्रियता: दांतारामगढ़ क्षेत्र से हार के बाद भी इलाके में लगातार सक्रिय रहे। क्षेत्र में हुए कार्यक्रमों के साथ पार्टी की गतिविधियों में हुए शामिल। इसका फायदा कुमावत को मिला है। आलाकमान ने इसलिए फिर से हरीश कुमावत को चुनावी मैदान में उतारा है।
धोद में गोरधन वर्मा का भाजपा को नहीं मिल पाया विकल्प
धोद . पिछले चुनाव में युवा चेहरे के जरिए सीकर जिले की सियासत में सामने आए। पार्टी के बाद गोरधन वर्र्मा से मजबूत दावेदार नहीं होने के कारण यहां भी दुबारा भरोसा जताया है। एक नाम कतार में और था, लेकिन पार्टी ने विधायक की कार्यशैली और जनता की पकड़ को ठीक मानते हुए दुबारा मौका दिया है। विधायक का कहना है कि पुराने विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच में जाएंगे।
प्रत्याशी का ‘आधार’
आमदनी: खेती।
सोशल मीडिया: फेसबुक पेज पर 76 हजार से ज्यादा लाइक्स, ट्विटर पर कभी-कभी सक्रिय।
पहचान: युवा व किसानों के मुद्दों के जरिए पहचान बनाने में सफल रहे।
अनुभव: धोद क्षेत्र के प्रधान रहे। पिछली बार विधानसभा चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे।
पांच साल सक्रियता: संगठन में बड़ी जिम्मेदारी होने के बाद भी विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहे।