नौ महीने से न्यायालय में उलझी
रीट प्रथम लेवल की भर्ती पिछले नौ महीने में न्यायालय में उलझी हुई है। इस कारण बेरोजगारों का नौकरी की आस दूर होती नजर आ रही है। पहले सिंगल बैंच में मामले की सुनवाई हुई। यहां फैसला चयनितों के पक्ष में आ गया लेकिन तब तक प्रदेश में आचार संहिता लग गई। इसके बाद मामले की डबल बैच में सुनवाई हुई। आठ फरवरी को डबल बैच ने सुरक्षित रखे फैसले को सुना दिया।
जहां 13 को अनुमोदन वहां मिली नियुक्ति
प्रदेश की जिन जिला परिषदों में 13 फरवरी को दोपहर बारह बजे विकास अधिकारी व सीबीइइओ ने नियुक्ति पत्र जारी कर दिए वहां ज्यादातर चयनितों को नौकरी मिल गई। लेकिन जिन जिला परिषदों ने चयनितों की अनुमोदित सूची ब्लॉकों में देरी से भेजी वहां नियुक्ति नहीं मिल सकी।
बेरोजगारों की यह पीडा
रीट चयनित बेरोजगारों की पीड़ा है कि यदि फरवरी महीने में नियुक्ति नहीं मिली तो फिर मामला आचार संहिता के फेर में उलझ सकता है। ऐसे में बेरोजगार संगठन भी लगातार सरकार पर दबाव बनाने पर तुले है।
सरकार करें मजबूत पैरवी
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने बेरोजगारों के साथ जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सोमवार की सुनवाई में मजबूत पैरवी कराने की मांग की है।