डीएलसी की 25 फीसदी दर एग्रो बेस्ड यूनिट की स्थापना के लिए प्रत्येक मंडी में 2100 गज जमीन आवंटित करनी थी। इसके लिए प्रत्येक मंडी में जमीन चिन्हित की गई। आवेदकों ने अपने प्रोजेक्ट की लागत का एक प्रतिशत निदेशालय में जमा कराई थी। आवेदक को संबंधित मंडी की डीएलसी की 25 प्रतिशत राशि जमा करानी थी। इसके तहत एग्रीकल्चर यूनिट के लिए आवेदन करने वाले आवेदक को मंडी शुल्क में रियायत देने का प्रावधान था।
रेट बढ़ाने के लिए किया निरस्त मंडी शुल्क में की गई कमी के कारण मंडी की आय घट गई थी। इसके बाद एग्रो बेस्ड यूनिट के लिए रियायती दरों के कारण भी मंडियों को खासा नुकसान हो रहा था। मंडियों की आय बढ़ाने के लिए अब चुनावी सीजन में भूखंड आवंटन प्रक्रिया रोक दी है। ऐसे में अब नए सिरे से आवेदन होने पर आवेदकों को ज्यादा शुल्क देना होगा।
राज्य सरकार का निर्णय एग्रो बेस्ड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए सीकर में नौ आवेदन आए थे। आवंटन की विज्ञप्ति को निरस्त करने का निर्णय राज्य सरकार के स्तर पर हुआ है। देवेन्द्र सिंह बारेठ, मंडी सचिव सीकर