इस दौरान अंडरपास से गुजरते समय बस अंडरपास में भरे बारिश के पानी के बीच जाकर फंंस गई। आसपास में रहने वाले ग्रामीणों को जब इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत वहां पहुंचकर बच्चों को बस से बाहर निकालने में मदद की। ग्रामीणों ने अंडरपास के ऊपर से बस की छत पर सीढ़ी लगाकर बच्चों को बाहर निकाला। स्कूली बच्चों ने बताया कि हर साल इस अण्डर पास में पानी भरने से उनकी शिक्षा बाधित होती है ।
बच्चों ने बताया कि उन्होंने बस चालक को मना किया था कि पानी ज्यादा है बस को अण्डर पास में ना लेकर जाए, लेकिन वह नहीं माना। ग्रामीणों ने बताया कि जब यह अंडरपास निर्माणाधीन था तब से लेकर अब तक वे जनप्रतिनिधीयों, रेलवे प्रशासन व स्थानीय प्रशासन को लिखित अवगत कराते रहे हैं। बावजूद इसके कोई सुधार नहीं हुआ । गत दिनों इसी अंडरपास में एक एम्बुलेस भी फंस गई थी। इस बारे में पत्रिका संवाददाता ने रेलवे व स्थानीय प्रशासन से अनेकों बार संवाद किया दोनों ही एक दूसरे का नाम लेकर मामले को टरका देते हैं।