दरअसल सीकर (sikar) जिले के अजीतगढ कस्बे में शाहपुरा सडक़ पर स्थित घाराजी धाम चढ़ाई पर मंगलवार दोपहर 2:30 बजे सडक़ किनारे पड़े कचरे में आग लग गई। बस फिर क्या था दूर से पहाड़ी पर लगी आग को देख ग्रामीणों ने इसे कोई बड़ी परेशानी समझ सरकारी महकमे को फोन खटखटाने शुरू कर दिए। एक बार को उधर से गुजरने वाले वाहन चालकों ने मौके से दूरी बना ली व ग्रामीणों को भी जानकारी दी।
कुछ देर में ही वन विभाग में सूचना आग की तरह फेल गई। घटना स्थल के निकट जो वनकर्मी थे उन्हें तुरंत बताया गया तो वन विभाग के वन कर्मी महेश मीणा एवं झाबरमल सूचना पर तुरंत मौके पर पहुंचे।
देखा तो मामला बिल्कुल अलग था। यह कोई बड़ी आग की घटना नहीं थी। आग वन भूमि में नहीं लगी थी बल्कि सडक़ किनारे पड़े कचरे में लगी थी।
फिर क्या था। वनकर्मियों ने महकमे को सूचना दी और विभाग ने चेन की सांस ली। इसके बाद आग को बुझाने का सिलसिला शुरू हुआ। हाथों हाथ पानी के टैंकर मंगवाने के लिए फोन किए गए। कुछ ही देर में पानी के टैंकर मंगवाकर 1 घंटे में आग पर काबू पाया गया। इसके बाद से घाटी में वाहनों की आजावाही शुरू हो सकी।