वाकया देखकर गुस्से से लाल हो जाएंगी आपकी आंखें… लेकिन हद है, शहरी सरकार की तो नींद तक नहीं खुल रही
सांड रोज-ब-रोज लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। लेकिन स्थानीय निकाय इसका ठोस समाधान निकालने के लिए एक कदम तक नहीं बढ़ा रही है। रविवार को सांड़ों के हमले में छात्रा समेत तीन लोग जख्मी हो गए।
सीकर•Aug 12, 2019 / 06:25 pm•
Gaurav
सीकर. शहर में बेसहारा पशुओं का आतंक बढ़ता जा रहा है। पिछले एक सप्ताह में आठ से अधिक लोग सांड की चपेट में आकर घायल हो चुके हैं। रविवार को शहर में एक छात्रा समेत तीन जने सांड के हमले की चपेट में आ गए, लेकिन इस मामले में अभी तक जिम्मेदारों ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। जानकारी के अनुसार यहां शास्त्री नगर में 12वीं कक्षा की छात्रा स्कूटी से जा रही थी, तभी अचानक तीन चार सांड झगड़ते हुए उधर आए और स्कूटी से जा भिड़े।
स्कूटी पर सवार बच्ची भी उनकी चपेट में आ गई। बच्ची के पांव में फ्रेक्चर हुआ है। शोर शराबा सुनकर स्कूल स्टॉफ व अन्य लोग दौडकऱ आए और सांडों को वहां से भगाया। इसके अलावा शहर के बिसायतीयान मोहल्ले में बकरा ईद के लिए बकरा खरीदने आए बुच्याणी क्षेत्र के मुबारिक व उस्मान पर सांड पर हमला कर दिया। दोनों को बाद में अस्पताल ले जाया गया। इस दौरान सांडों ने काफी उत्पात किया, जिससे वहां लोगों की भीड़ एकत्र हो गई।
नंदीशाला के दावे भी रहे गए धरे
नंदीशाला के निर्माण के समय दावा किया गया कि शहरवासियों को सांडों के आतंक से राहत मिलेगी। लेकिन अभी तक नगर परिषद अपनी रणनीति में सफल नहीं हो पा रही है। पिछले चुनाव के समय भी कांग्रेस ने शहरवासियों को कई सपने दिखाए। दोबारा चुनाव आने की तैयारी में है। यदि परिषद ने समय रहते आवारा पशुओं को लेकर इंतजाम नहीं किए तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
ऐसे समझें पीड़ा
पिछले दिनों दोस्त के जन्मदिन कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे दो जनों पर सांडो ने हमला कर दिया। इनमें से सुरेश चौधरी पिछले दस दिनों से अस्पताल में भर्ती है। इसके बाद माथुर बस्ती अब शास्त्री नगर में छात्रा पर सांड ने हमला कर दिया। ये परिवार के लोग परिषद के जिम्मेदारों को कोस रहे हंै।
पूरे साढ़े चार साल दावे करती रही नगर परिषद, हुआ कुछ भी नहीं
शहरी सरकार आवारा पशुओं को लेकर पूरे साढ़े चार साल तक सियासत करती रही। लेकिन परिषद ने जनता को धरातल पर राहत देने की कोई तैयारी नहीं की। इस कारण आवारा पशु आए दिन शहरवासियों को चपेट में ले रहे है। नगर परिषद की कई साधारण सभाओं की बैठकों में यह मुद्दा उठ चुका है।
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