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मिशन 2031: प्रदेश में बिना कोयले के भी बनेगी 50 हजार मेगावाट बिजली

कोयले पर क्यों निर्भरता… सौर और पवन ऊर्जा के साथ परमाणु ऊर्जा होगा बड़ा स्रोत

सीकरOct 23, 2021 / 05:18 pm

Ashish Joshi

मिशन 2031: प्रदेश में बिना कोयले के भी बनेगी 50 हजार मेगावाट बिजली

मिशन 2031: प्रदेश में बिना कोयले के भी बनेगी 50 हजार मेगावाट बिजली

आशीष जोशी
सीकर. केंद्र और राज्य सरकार जो लक्ष्य लेकर चल रही हैए उसके अनुसार 2031 तक राजस्थान में 50 हजार मेगावाट से ज्यादा बिजली कोयले के बिना भी तैयार होगी। सौर और पवन ऊर्जा के बाद परमाणु ऊर्जा प्रदेश को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाएगी। देश में परमाणु ऊर्जा ही ऐसा स्रोत है जिसमें लक्ष्य से ज्यादा बिजली उत्पादन हो रहा है। परमाणु ऊर्जा के मामले में अप्रेल से जून 2021 की अवधि तक देश का लक्ष्य 10164 मिलियन यूनिट था। जबकि वास्तविक बिजली उत्पादन इससे ज्यादा 11256 मिलियन यूनिट रहा। इधरए राज्य सरकार ने राजस्थान सौर ऊर्जा नीति 2019 और पवन व हाइब्रिड ऊर्जा नीति के अनुसार 30 हजार मेगावाट सौर विद्युत परियोजनाएंए 4 हजार मेगावाट पवन विद्युत परियोजनाएं और 3500 मेगावाट हाइब्रिड परियोजनाएं स्थापित करने का लक्ष्य बना रखा है।

कोयले के अलावा जानिए हमारी ऊर्जा उत्पादन क्षमता
1. सौर ऊर्जा (सोलर रूफ टॉप नेट मीटरिंग स्कीम सहित)
वर्तमान क्षमता : 8283 मेगावाट
भविष्य की तस्वीर: 810 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट सहित कुल 2000 मेगावाट के सोलर पार्क की स्वीकृति जारी हो चुुकी। राज्य सरकार ने 2024.25 तक 30 हजार मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। वर्ष 2031 तक 35 हजार मेगावाट से ज्यादा का अनुमान।
2. पवन ऊर्जा
वर्तमान क्षमता रू 4338 मेगावाट
भविष्य की तस्वीर: हालांकि हवा पर निर्भरता होने से उत्पादन कम.ज्यादा होता रहता है, लेकिन पश्चिमी राजस्थान में संभावनाएं। राज्य सरकार का 4000 मेगावाट की पवन विद्युत परियोजनाओं का लक्ष्य।
3. परमाणु ऊर्जा 1100 मेगावाट
भविष्य की तस्वीर: रावतभाटा में दो परियोजनाओं का निर्माण पूरा होते ही वर्ष 2023 तक 2480 मेगावाट हो जाएगी। माही के चार प्लांट शुरू होने पर कुल क्षमता 5280 मेगावाट हो जाएगी।
4. बड़ी व लघु पन बिजली: 435 मेगावाट
भविष्य की तस्वीर: इससे भी बढ़ोतरी की उम्मीद।
5. बायो मास: 121 मेगावाट
भविष्य की तस्वीर रू वर्ष 2031 तक 1000 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना।

देश में नाभिकीय ऊर्जा की स्थिति
-6780 मेगावाट क्षमता वाले 22 रिएक्टर कार्यरत हैं वर्तमान में
-8000 मेगावाट के 10 रिएक्टर निर्माण के विभिन्न चरणों में
-7000 मेगावाट के 10 नए रिएक्टरों के निर्माण की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी
-22480 मेगावाट तक नाभिकीय क्षमता पहुंचने की उम्मीद 2031 तक

देश में अगले साल तक 175 गीगावाट होगी अक्षय ऊर्जा क्षमता
केंद्र सरकार ने 2022 तक देश में 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विकसित करने का लक्ष्य बना रखा है। जिसमें सौर से 100 गीगावाट, पवन से 60 गीगावाट, बायोमास से 10 और लघु हाइड्रो से 5 गीगावाट ऊर्जा क्षमता शामिल हैं। देश में फ रवरी 2021 तक 92.97 गीगावाट संचयी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त की जा चुकी थी।

एक्सपर्ट व्यू: असीम संभावनाएं
निश्चित रूप से राजस्थान में कोयले के अलावा भी बिजली के कई बेहतर विकल्प हैं। जो योजनाएं बनी हैंए उन पर यदि बगैर किसी अड़चन के काम होता है तो प्रदेश लक्ष्य से ज्यादा बिजली उत्पादन की ताकत रखता है। बसए जरूरत समन्वित प्रयासों के साथ योजनाओं के लक्ष्य आधारित क्रियान्वयन की है।
दिनेश छंगाणी, प्रोजेक्ट मैनेजर (सेवानिवृत्त), राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी कॉर्पोरेशन लिमिटेड

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