चौमूं से पुष्कर पहुंचे कांग्रेस के पार्षद
निकाय चुनाव की मतगणना के बाद बाड़ाबंदी में बंद कांग्रेस के पार्षदों को मंगलवार शाम चौमूं से पुष्कर ले जाया गया। निकाय के इतिहास में यह पहला मौका है जब मतगणना के बाद कांग्रेस के जीते हुए पार्षद शपथ लेने भी नहीं आए हो। इसकी वजह यह है कि टिकट वितरण और प्रचार के बाद सभापति पद के चयन की कमान भी विधायक राजेन्द्र पारीक अपने पास ही रखना चाहते हैं।
सीकर में आज तक नहीं बना भाजपा का बोर्ड, इस बार भी कांग्रेस ने कायम रखा इतिहास
दो बार सभापति की परंपरा
कांग्रेस के कब्जे वाली सीकर नगर परिषद में दो बार सभापति रहने की परंपरा रही है। सलमा शेख और हनीफ खत्री दो-दो बार सभापति रहे। जीवण खां को विधायक राजेन्द्र पारीक का नजदीकी माना जाता है। ऐसे में यह बाड़ाबंदी उन्हें फिर से सभापति बनाने के लिए की जा रही है। साथ ही यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि भाजपा कहीं सेंध लगाने में कामयाब नहीं हो जाए।
अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को टिकट दिए और खुद का वार्ड ही नहीं बचा पाए विधायक
लगातार 15वीं बार कब्जा
सीकर नगर परिषद बोर्ड पर कांग्रेस आजादी के बाद से ही काबिज है। कांग्रेस ने इस बार 15वीं बार बोर्ड पर कब्जा किया है। वहीं भाजपा के सांसद सुमेधानंद, जिलाध्यक्ष विष्णु चेतानी, पूर्व विधायक रतन जलधारी और यूआईटी के पूर्व चेयरमैन हरिराम रणवां की संयुक्त रणनीति काम नहीं आई। इसका प्रमुख कारण टिकट वितरण में खामी माना जा रहा है। हालांकि यह स्थिति कांग्रेस में भी रही है।