2003 में हुआ था भर्ती, छह महीने पहले परमोशन
शहीद दीपचंद में शुरू से देश सेवा का जज्बा भरा हुआ था। वह हमेशा से सेना में जाने की इच्छा रखता था। इसी इच्छा व मेहनत से शहीद दीपचंद 2003 में सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। छह महीने पहले ही जवान का हवलदार पद पर परमोशन हुआ था।
तीन बच्चों का पिता
शहीद का विवाह सीआरपीएफ में भर्ती के एक साल बाद 2004 में हुआ। शहीद के दो जुड़वा बेटे व एक बेटी है। जो पत्नी सरोज के साथ अजमेर स्थित सेना के क्वार्टर में रहते हैं। घर में बुजुर्ग मां है। पिता की तीन साल पहले दिल व पीलिया की बीमारी से मौत होना सामने आया है।
गांव में चाचा को दी सूचना
जम्मूकश्मीर सीआरपीएफ ऑफिस से शहादत की सूचना अजमेर में पत्नी के अलावा बावड़ी गांव में चाचा ओंकारमल को दी गई। जिसके बाद घर में गम का माहौल हो गया। धीरे धीरे बात गांव में फैली तो गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शहीद के घर भी ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई।
कल होगा अंतिम संस्कार
शहीद के अंतिम संस्कार को लेकर अभी तक स्थित स्पष्ट नहीं हो पाई है। संभावना है कि पार्थिव देह पहुंचने पर गुरुवार को ही शहीद का अंतिम संस्कार किया जायेगा।