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पुलिस का कारनामा : जयपुर के इस हिस्ट्रीशीटर को सीकर में बना दिया प्रदेश का मेहमान

सीकर पुलिस संबंधित थानों से टोरडी का आपराधिक रिकॉर्ड जुटा रही है। उधर, सामान्य प्रशासन विभाग ने भी टोरडी को स्टेट गेस्ट का दर्जा देने से इनकार किया है।

सीकरAug 01, 2017 / 11:58 am

vishwanath saini

करणी विहार थाने के हिस्ट्रीशीटर महावीर प्रसाद टोरडी ने सीकर में स्टेट गेस्ट का दर्जा प्राप्त कर सुरक्षा में हथियारबंद पुलिसकर्मी लगवा लिए। लेकिन बाद में पुलिस को सरकार के नाम से भेजे गए पत्र के फर्जी होने और उसके हिस्ट्रीशीटर होने का पता चला तो उसे दी गई सुरक्षा तत्काल हटा ली गई और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया।

बताया जा रहा है कि उसके खिलाफ जयपुर सहित अन्य जगहों कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। सीकर पुलिस संबंधित थानों से टोरडी का आपराधिक रिकॉर्ड जुटा रही है। उधर, सामान्य प्रशासन विभाग ने भी टोरडी को स्टेट गेस्ट का दर्जा देने से इनकार किया है।
सीकर पुलिस के मुताबिक, पुलिस अधीक्षक कार्यालय में फैक्स के जरिए सामान्य प्रशासन वि ााग (जीएडी) का पत्र मिला था, इसमें टोरडी को नेपाल के उपराष्ट्रपति का विशिष्ट सलाहकार होने के चलते स्टेट गेस्ट का दर्जा देने के बारे में जिक्र था।
इसमें कहा गया था इंडो नेपाल समरसता सोशल मिशन यात्रा सीकर में विभिन्न स्थानों पर आएगी। ऐसे में वाहन सहित एक तीन हथियारबंद जाप्ते की एस्कॉट ड्यूटी लगाई जाए। लेकिन यात्रा शुरू होने से पहले ही पुलिस को उसके फर्जीवाड़े का पता चल गया और उसे एस्कॉट सुरक्षा नहीं दी गई। सीकर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर संबंधित थानों की पुलिस की ओर से एस्कॉट उपलब्ध करवा दी गई थी।


बड़ी चूक…पता लगा तो भी नहीं पकड़ा

सीकर पुलिस को टोरडी के फर्जीवाड़े का रविवार को पता चल गया था। लेकिन पुलिस ने ना उसे पकड़ा, ना मामला दर्ज किया। मीडिया की ओर से इस मामले की पूछताछ की गई उसके बाद पुलिस ने शहर कोतवाली थाने में उसके खिलाफ धोखाधड़ी और संवैधानिक पद पर नहीं होते हुए लाभ लेने के प्रयास का मामला दर्ज किया है। पुलिस अब उसे तलाश रही है। एक बड़ी चूक पुलिस ने यह भी की कि राज्य सरकार की ओर से स्टेट गेस्ट का दर्जा दिए जाने के संबंध में मिले पत्र की तस्दीक नहीं की।

2010 में खुली थी हिस्ट्रीशीट
टोरडी पहले श्याम नगर थाने का हिस्ट्रीशीटर था। लेकिन बाद में करणी विहार थाना बनने पर वहां उसकी हिस्ट्रीशीट पहुंच गई। टोरडी पांच्यावाला निवासी है और उस पर एक दर्जन प्रकरण दर्ज हैं। 2010 में हिस्ट्रीशीट खुली थी।
बेटा भी हो चुका है गिरफ्तार

महावीर प्रसाद मूलत: टोंक जिले के टोरडी गांव का रहने वाला है। टोरडी ने अंतरराष्ट्रीय समरसता मंच के नाम पर एक संस्था बना रखी है। वह वर्ष 2015 में संस्था के बैनर तले कई जिलों में सम्मान समारोह करवाने के नाम पर सीएलजी सदस्यों से ठगी कर चुका है। मामले में हनुमानगढ़ पुलिस ने टोरडी और बेटे कुलदीप को गिरफ्तार कर लिया था।

जेएडी से मिले पत्र के बाद सामान्य तौर पर सुरक्षा संबंधी आदेश जारी कर दिए गए थे। बाद में महावीरप्रसाद टोरडी के स्टेट गेस्ट नहीं होने की जानकारी मिली, एेसे में एस्कॉर्ट व हथियारबंद जाप्ता हटा दिया गया। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अब मामले की जांच की जा रही है।
विनित राठौड़ पुलिस अधीक्षक, सीकर
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