बताया जा रहा है कि उसके खिलाफ जयपुर सहित अन्य जगहों कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। सीकर पुलिस संबंधित थानों से टोरडी का आपराधिक रिकॉर्ड जुटा रही है। उधर, सामान्य प्रशासन विभाग ने भी टोरडी को स्टेट गेस्ट का दर्जा देने से इनकार किया है।
सीकर पुलिस के मुताबिक, पुलिस अधीक्षक कार्यालय में फैक्स के जरिए सामान्य प्रशासन वि ााग (जीएडी) का पत्र मिला था, इसमें टोरडी को नेपाल के उपराष्ट्रपति का विशिष्ट सलाहकार होने के चलते स्टेट गेस्ट का दर्जा देने के बारे में जिक्र था।
बड़ी चूक…पता लगा तो भी नहीं पकड़ा सीकर पुलिस को टोरडी के फर्जीवाड़े का रविवार को पता चल गया था। लेकिन पुलिस ने ना उसे पकड़ा, ना मामला दर्ज किया। मीडिया की ओर से इस मामले की पूछताछ की गई उसके बाद पुलिस ने शहर कोतवाली थाने में उसके खिलाफ धोखाधड़ी और संवैधानिक पद पर नहीं होते हुए लाभ लेने के प्रयास का मामला दर्ज किया है। पुलिस अब उसे तलाश रही है। एक बड़ी चूक पुलिस ने यह भी की कि राज्य सरकार की ओर से स्टेट गेस्ट का दर्जा दिए जाने के संबंध में मिले पत्र की तस्दीक नहीं की।
2010 में खुली थी हिस्ट्रीशीट
जेएडी से मिले पत्र के बाद सामान्य तौर पर सुरक्षा संबंधी आदेश जारी कर दिए गए थे। बाद में महावीरप्रसाद टोरडी के स्टेट गेस्ट नहीं होने की जानकारी मिली, एेसे में एस्कॉर्ट व हथियारबंद जाप्ता हटा दिया गया। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अब मामले की जांच की जा रही है।
विनित राठौड़ पुलिस अधीक्षक, सीकर