कर्जा माफी को लेकर प्रदेश में आंदोलनों का आगाज भी सीकर की धरती से हुआ था। भाजपा राज में माकपा व कांग्रेस ने काफी आंदोलन किए थे। माकपा ने तो 13 दिनों तक प्रदेशव्यापी चक्काजाम किया था। इसके बाद भाजपा ने 50 हजार रुपए तक का कर्जा माफ करने की घोषणा की थी। वहीं विधानसभा चुनाव में यह सबसे बड़े मुद्दे के तौर पर गूंजा। इसके बाद कांगेस ने सत्ता में आने पर कर्जा माफ करने की घोषणा की थी। हालांकि कांग्रेस ने सत्ता में आते ही कर्जा माफी की घोषणा तो कर दी लेकिन अभी तक किसानों को इसका फायदा नहीं मिला है। अब भाजपा व माकपा नेताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले किसानों को कर्जा माफी का फायदा मिलना चाहिए।