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सीकर

जिले के 9 कॉलेज में आज बजेंगे नामांकन के ढ़ोल

छात्रसंघ चुनाव में गुरुवार को नामांकन के ढ़ोल बजेंगे। जिले के सभी सरकारी महाविद्यालयों में गुरुवार सुबह दस से दोपहर तीन बजे तक नामांकन होगा।

सीकरAug 22, 2019 / 12:15 am

Vinod Chauhan

जिले के 9 कॉलेज में आज बजेंगे नामांकन के ढ़ोल

जिले के 9 कॉलेज में आज बजेंगे नामांकन के ढ़ोल

अखंड का चुनाव लडऩे से मना, विद्यार्थी परिषद को ही दिया समर्थन

परिषद के कुनबे की कलह का फायदा उठाने की तैयारी में दूसरे संगठन
सीकर. छात्रसंघ चुनाव में गुरुवार को नामांकन के ढ़ोल बजेंगे। जिले के सभी सरकारी महाविद्यालयों में गुरुवार सुबह दस से दोपहर तीन बजे तक नामांकन होगा। इसके लिए महाविद्यालय प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। छात्र संगठनों के विवाद की वजह से कई कॉलेजों के सामने जाप्ता तैनात रहेगा। वहीं नामांकन के जरिए छात्र संगठनों ने पूरी ताकत दिखाने की तैयारी कर ली है। इधर, छात्र संगठन अखंड विद्यार्थी परिषद ने भाजपा के बड़े नेताओं की समझाइश पर इस बार चुनाव में पैनल नहीं उतारने का फैसला लिया है। वहीं दूसरे छात्र संगठन विद्यार्थी परिषद के कुनबे में चल रही रार का फायदा उठाने की तैयारी में है। बड़े नेताओं की समझाईश के बाद बुधवार को विद्यार्थी परिषद और अखंड के कार्यकर्ता अब एक जाजम पर नजर आए। इस बीच छात्र संगठन एसएफआइ के जिलाध्यक्ष महेश पालीवाल का दावा है कि दो दर्जन कार्यकर्ताओं ने एबीवीपी छोडकऱ एसएफआई की सदस्यता ली है। लेकिन परिषद ने एसफआइ के दावे को झूठा बताया है।
अखंड एबीवीपी बनाने का बदला फैसला

भाजयुमो के पदाधिकारियों ने मंगलवार रात एक बार फिर अखंड एबीवीपी के नाम से अलग छात्र संगठन बनाने का निर्णय लिया। लेकिन दूसरे ही दिन अखंड एबीवीपी की घोषणा के लिए हुई बैठक में फैसला बदल दिया। राजू गुर्जर ने बताया कि बैठक में हमारे बड़े पदाधिकारियों ने कहा इस बार आपको चुनाव नहीं लडऩा है। देशहित में मतदान कर छात्र संगठन एबीवीपी का सहयोग करना है। इसलिए सभी कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का समर्थन किया है।
विधि कॉलेज में एबीवीपी का पैनल घोषित

एबीवीपी ने बुधवार को दासा की ढ़ाणी स्थित राजकीय विधि महाविद्यालय का पैनल घोषित किया हैं। पैनल में प्रदीप कुमार को अध्यक्ष, परमजीत सिंह उपाध्यक्ष, खुशबू शर्मा महासचिव, मधु अग्रवाल का नाम संयुक्त सचिव पद पर घोषित किया गया।
पत्रिका मुद्दे पर विद्यार्थियों की राय

वोट की लड़ाई नहीं पढ़ाई के लिए होने के पत्रिका मुद्दे पर बुधवार को कॉलेज विद्यार्थियों से चर्चा की गई। कॉलेज छात्र-छात्राओं ने छात्रसंघ चुनावों में हो रही राजनीति करण को गलत बताते हुए कॉलेजों में विषय कमेटियां बनाने के मुद्दे को सही बताया। छात्र-छात्राओं का कहना था कि आज का युवा पढ़ाई कर अपने सपनों को पूरा करने के लिए आगे बढऩा चाहता है। उसे राजनीति से कोई मतलब नहीं हैं। हर विद्यार्थी का सपना है कि कॉलेजों में पढ़ाई का माहौल बने। छात्रसंघ चुनाव का मतलब कॉलेजों में पढ़ाई का माहौल तैयार करना होना चाहिए, ना कि राजनीति। कॉलेज स्तर पर युवाओं का भविष्य टीका है। यहीं राजनीति के शिकार होकर कई युवाओं ने अपना भविष्य घराब किया हैं। उसके बाद किसी ने उनसे यह तक नहीं जानने की कोशिश की कि वे किस हाल में हैं।
एसके गल्र्स कॉलेज में अध्ययनरत नीलम सैनी ने कहा छात्रसंघ चुनाव के प्रचार प्रसार केवल लोगों को दिखाने के लिए हो रहा है। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए, छात्रसंघ चुनाव में विद्यार्थियों की पढ़ाई और उनकी पढ़ाई के लिए कॉलेज में सुख सुविधाएं मुहिया कराना है। विषय के अनुसार परिषद बननी चाहिए। और परिषद में लिए गए निर्णयों पर सालभर संघर्ष करना होगा।
इसी कॉलेज से गुडिय़ा कंवर ने कहा मैं इस बार राजनीति के लिए नहीं बल्कि छात्राओं की पढ़ाई के लिए संघर्ष करने महासचिव पद से चुनाव लड़ रही हूं।

उपाध्यक्ष पद से चुनाव लड़ रही भावना शर्मा ने कहा मैं इस कॉलेज में तीन साल से अध्ययनरत हूं। कॉलेज में हर साल छात्रसंघ चुनाव देखती आई हूं। चुनावों में हर साल मुद्दे तो उठते, लेकिन कभी पूरे नहीं होते है। मैने कॉलेज में तीन साल पढकऱ जो परेशानियां देखी है, उन्हें दूर करने के लिए मैं हर संभव प्रयास करूंगी।
कला कॉलेज कटराथल एमए प्रीवियस राजनीतिक विज्ञान के छात्र राजेश मूंड ने कहा छात्रसंघ चुनाव में इस बार हर विद्यार्थी को उसी छात्रसंगठन को वोट देना चाहिए जो छात्रहितों को उठाता है। किसी पार्टी विशेष की ओर ध्यान नहीं देकर पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर आगे बढऩा चाहिए।

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