यह लिखा है पुस्तक में
दसवीं की पुस्तक में लिखा है कि 20 मार्च 1926 को टोंक जिले के सोडा गांव में कर्पूरचन्द्र कुलिश का जन्म हुआ। 1951 में कुलिश जी ने पत्रकार जीवन की शुरुआत की और सात मार्च 1956 को सांध्यकालीन दैनिक के रुप में राजस्थान पत्रिका की शुरुआत की। आपतकाल के समय इन्होंने राजस्थान के गांवों की यात्रा की और ग्रामीण जनजीवन व सामाजिक व्यवस्था पर ‘मैं देखता चला गया’ श्रृंखला लिखी जो राजस्थान के ग्रामीण परिवेश का प्रामाणिक दस्तावेज मानी जाती है। कुलिश जी ने ‘पोलमपोल’ नाम से ढूंढाडी में नियमित कॉलम लिखा जो उनकी साहित्यिक वसीयत मानी जाती है।
प्रदेश में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने पाठ्यक्रम के लिए समीक्षा समिति गठित की थी। इस समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर बीएम शर्मा की सिफारिशों के बाद प्रदेश में कक्षा छह से बारहवीं तक एनसीईआरटी का सिलेबस लागू हो गया है। कक्षा दस व बारहवीं में यह पाठ्यक्रम अगले सत्र यानि 2021-22 से लागू होगा।
पीएम मोदी, नोटबंदी और जीएसटी भी पाठ्यक्रम में
कक्षा ग्यारवीं व बारहवीं में शामिल पुस्तक आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत (भाग एक व दो ) स्वतंत्र भारत की विकास यात्रा का इतिहास है। इन पुस्तकों में पंडित नेहरू से लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी तक के बारे में पढ़ाया जाएगा। इसमें बांग्लादेश निर्माण, इसरो की सफलता, बैंकों का राष्ट्रीकरण, नवोदय विद्यालयों की स्थापना, हरित क्रांति, इंदिरा गांधी व अटलबिहारी वाजपेयी की ओर से कराए गए परमाणु परीक्षण, कारगिल विजय, सूचना का अधिकार, मनरेगा, आधार, स्वच्छता, सूचना का अधिकार, नोटबंदी, जीएसटी आदि विषयों को भी शामिल किया गया है।
पाठ्यक्रम की खामियों को दूर कराया
पिछली सरकार ने शिक्षा का भगवाकरण कर दिया था। विद्यार्थियों को राजस्थान के इतिहास से रूबरू कराने के लिए पुस्तक लिखवाई गई है। प्रदेश के विद्यार्थियों को अब राजस्थान के गौरवमयी इतिहास से रूबरू होने का मौका मिलेगा।
गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा राज्य मंत्री, राजस्थान