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पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ने दिलाया था पहला टिकट, मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष ने लगाई अध्यक्ष की मुहर

सीकर. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के गृह जिले में सामान्य कार्यकर्ता की पहचान रखने वाली सुनीता गिठाला की जिलाध्यक्ष पद पर नियुक्ति चौंकाने वाली रही।

सीकरDec 02, 2021 / 11:49 am

Sachin

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ने दिलाया था पहला टिकट, मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष ने लगाई अध्यक्ष की मुहर

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ने दिलाया था पहला टिकट, मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष ने लगाई अध्यक्ष की मुहर

सीकर. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के गृह जिले में सामान्य कार्यकर्ता की पहचान रखने वाली सुनीता गिठाला की जिलाध्यक्ष पद पर नियुक्ति चौंकाने वाली रही। इस पद के लिए गिठाला को तीन वरिष्ठ नेताओं पर तवज्जो दी गई है। सूत्रों के अनुसार सीकर में भाजपा को घेरने के लिए पीसीसी चीफ डोटासरा ने ही ये स्ट्रोक खेला है। जिन्होंने आलाकमान को साधारण कार्यकर्ता के तौर पर पहचान बनाने वाली सुनीता गिठाला का नाम सुझाया। राजनीति में आने पर गिठाला को सबसे पहले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह ने टिकट दिया। इसके बाद धोद विधायक परसराम मोरदिया ने दूसरी बार अपने क्षेत्र की जिला परिषद सीट से टिकट दिलवाया। इसके अलावा यूथ, सभी विधायकों से बेहतर तालमेल, महिला होने तथा सर्वमान्य व निर्विवादित छवि की वजह से उनके नाम पर आखिरकार मुहर लग गई।


जिलाध्यक्ष की राह में अब तीन चुनौती
1. 12 दिसम्बर को जयपुर रैली:
महंगाई के खिलाफ दिल्ली में 12 दिसम्बर को प्रस्तावित सभा अब जयपुर में होगी। प्रदेश की राजधानी जयपुर से नजदीक और पीसीसी चीफ का गृह जिला होने की वजह से सीकर से भीड़ जुटाने की सबसे ज्यादा रहेगी। आठों सीटों पर कांग्रेस के विधायक है। ऐसे में 12 दिसम्बर को प्रस्तावित सभा में भीड़ जुटाना पहली चुनौती रहेगी।

2. कार्यकारिणी:
दिग्गजों के बीच युवाओं का संतुलन बनाकर नई टीम बनाना भी नव नियुक्त जिलाध्यक्ष की राह में दूसरी चुनौती रहेगी। इस बीच संगठन में एकजुटता बनाए रखना भी उनके सामने बड़ी चुनौती रहेगी।

2. आगामी चुनाव:
2023 में विधानसभा के चुनाव होने है। ऐसे में पूरे जिले में राज्य सरकार के कामकाज को लेकर जाना भी उनकी चुनौती रहेगी। प्रदेश में सत्ता होने की वजह से आखिरी साल में सरकार विरोधी लहर को रोके रखना भी चुनौती रहेगी।


सत्ता : एक बार रही जिला परिषद सदस्य
नव नियुक्त जिलाध्यक्ष सुनीता गिठाला कांगे्रस बोर्ड में जिला परिषद सदस्य रही है। इस दौरान सदन में उनकी परफॉर्मेंस काफी चर्चा में रही। अफसरों को घेरने के साथ विपक्ष को निशाने पर लेने में वह कभी नहीं चूकी। कांग्रेस के सभी कार्यक्रमों में उपस्थिति से भी आलाकमान तक अच्छा संदेश गया।

संगठन: प्रदेश और जिले में संभाली जिम्मेदारी
गिठाला के पास कांग्रेस की पिछली प्रदेश कार्यकारिणी में भी प्रदेश की जिम्मेदारी थी। इसके अलावा जिला कार्यकारिणी में कई बार उनको जिम्मेदारी मिल चुकी है। गिठाला जिला कांग्रेस में जिला सचिव व जिला उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। जबकि महिला कांग्रेस में जिला सचिव, प्रदेश महासचिव व प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुकी है।

पत्रिका के सवालों का गिठाला ने यूं दिया जवाब


पत्रिका: सबसे Óयादा सीट वाले सीकर जिले की कमान आपको मिली है। दिग्गजों के साथ यूथ के बीच में तालमेल कैसे बनेगा।

गिठाला: पीसीसी अध्यक्ष के साथ-साथ सभी वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं से लंबा जुड़ाव है। खुद यूथ हूं लगातार उनके बीच में रहती हूं। कांग्रेस में सभी कार्यकर्ता की हैसियत से काम करते हैं। ऐसे में तालमेल बनाने जैसी कोई दिक्कत नहीं आएगी।
पत्रिका: भाजपा जिलाध्यक्ष भी आपके परिवार से है, ऐसे में काम करने में कोई झिझक।
गिठाला: भाजपा जिलाध्यक्ष अपनी विचारधारा के लिए काम करती है। मैं मेरी पार्टी के लिए पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम करूगी।
पत्रिका: सबसे बड़ी चुनौती आप किसे मानते है।
गिठाला: 2023 में विधानसभा के चुनाव होने है। कांग्रेस की सरकार प्रदेश में बेहतरीन काम कर रही है। आगामी 2023 में सरकार की कैसे वापसी हो इसके लिए लगातार जनता के बीच रहूंगी। यही मेरी चुनौती और प्राथमिकता है।
पत्रिका: आप जिलाध्यक्ष की दौड़ में थी लेकिन अचानक रेस में सबसे आगे निकल गई। इसकी खास वजह क्या रही।
गिठाला: मैं अभी भी अपने आप को कार्यकर्ता मानती हूं और कार्यकर्ता की हैसियत से काम भी करती रहूंगी। रेस में आगे पीछे रहने जैसी कोई बात नहीं है। लगातार संगठन से जुड़ाव और पार्टी को मां मानने का निश्चित तौर पर फायदा मिला है।
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