मानसून की झमाझम बारिश होने के कारण सीकर रेलवे स्टेशन पर पटरियां पानी में डूब गई। बारिश के कारण जलभराव होने के कारण सिग्नल नहीं मिलने से रेलगाडियां पटरियों पर ही थम गई। सीकर होते हुए जाने वाली कई पैसेंजर ट्रेन और मालगाडियां करीब तीस मिनट से लेकर करीब दो घंटे तक देरी से चली। वहीं पटरियों पर पानी भरा होने के कारण नवलगढ पुलिया की बजाए सीधे पटरियां पार करने लोगों को खासी परेशानी हुई। बारिश का पानी मिलने से सडकों के किनारे व बारानी क्षेत्रों में आगामी दिनों में चूंटी घास हो जाएगी। जिससे पशु चारे के बढ़ते भावों पर कुछ हद तक अंकुश लगेगा।
अब आगे क्या
जयपुर मौसम केन्द्र के अनुसार अगले तीन -चार दिन तक प्रदेश में रुक-रुक कर बारिश होगी। दो और तीन जुलाई को अजमेर, भरतपुर, सीकर, धौलपुर, करौली, कोटा, बूंदी, बारां, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, सवाई माधोपुर समेत कई जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। चार जुलाई से प्रदेश में बारिश का दौर धीमा पड़ सकता है। विभाग ने टोंक, कोटा, बूंदी, अजमेर, भीलवाड़ा, राजसमंद, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, धौलपुर, चित्तौड़गढ़, दौसा, सवाई माधोपुर, उदयपुर, सिरोही, प्रतापगढ़ जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
एक सप्ताह देरी से आया मानसून
प्रदेश में इस बार मानसून करीब एक सप्ताह देरी से पहली बार पूर्वी राजस्थान के रास्तों से आया है। मानसून की शानदार बारिश के कारण हवा में नमी की मात्रा 95 प्रतिशत तक पहुंच गई। जिससे दिन और रात के तापमान का अंतर महज चार डिग्री ही रह गया है। बीती रात से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण लोगों को सावन माह का अहसास हो रहा है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश में जून महीने में ही प्री मानसून की बारिश सामान्य से ज्यादा हो चुकी है। जून के महीने में औसत बारिश 50.1 मिमी होती है, लेकिन 29 जून तक ही औसत बारिश 50.8 मिमी हो चुकी है।
बारिश के साथ बिजली गुल, आमजन परेशान
जिले के कई क्षेत्रों में बारिश के साथ ही बिजली गुल हो गई। इस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। अकेले सीकर शहर में 40 से अधिक शिकायत दर्ज हुई। पिपराली रोड व नवलगढ़ रोड इलाके की कई कॉलोनियों में दो घंटे से अधिक समय तक बिजली गुल रही।
अजीतगढ़. कस्बे समेत क्षेत्र के गांवों में 3 दिन से बारिश का दौर जारी है। शुक्रवार भी तेज तो कभी रिमझिम बारिश जारी रही। बारिश से रास्तों में पानी भरने आवागमन में परेशानी हुई। एक सप्ताह पहले बोई गई बाजरे की फसल नष्ट हो गई है। अजीतगढ़ के शाहपुरा रोड पर स्थित चौधरी कॉलोनी में स्थित मकानों के बाहर बरसात का पानी भर जाने से आवागमन की समस्या हो गई है। जेपी जाट, बद्री प्रसाद आदि ने बताया कि हर बारिश में कॉलोनी के बाहर स्थित खाली भूमि पर पानी जमा हो जाता है। इससे आने जाने का रास्ता नहीं रहता। शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है।