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जिम्मेदार जब चाहे बदल देते है प्लान: आमजन को भुगतना पड़ता है खामियाजा

शहर में यातायात प्लान मजाक बन गया है। जिम्मेदार चाहे जब शहर में नया यातायात प्लान लागू कर देते है।

सीकरMay 16, 2018 / 01:52 pm

vishwanath saini

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सीकर. शहर में यातायात प्लान मजाक बन गया है। जिम्मेदार चाहे जब शहर में नया यातायात प्लान लागू कर देते है। इसके बाद जब हल्का विरोध और नेताओं का दवाब शुरू होता है तो फिर से नया यातायात प्लान बन जाता है। कुछ ऐसा ही खेल पिछले कई वर्षो से सीकर शहर में चल रहा है। पिछले दो वर्षो में सात बार नया प्लान बनाकर लागू किया गया। लेकिन हर बार मामला उसी पुराने ट्रेक पर आ जाता है। इसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ता है। इस मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि यातायात प्लान बदलने की पीछे मंशा सुधार की होती है।

 

यातायात बत्ती को लेकर चुप्पी
पिछले तीन वर्ष में कई बार बजरंग कांटा, कल्याण सर्किल सहित अन्य स्थानों पर यातायात बत्ती लगाने का प्रस्ताव बना। लेकिन जिला प्रशासन यातायात प्रबंध समिति के फैसलों को धरातल पर नहीं ला पा रही है। हालत यह है कि लगभग आठ वर्ष पहले कल्याण सर्किल पर लगी बत्ती भी बंद है। बत्ती शुरू होने से यातायात काफी सुगम हो सकता है।

 

दिनभर रहते जाम के हालात
प्रमुख मार्गो के साथ गलियों में दिनभर जाम के हालात रहते है। बस डिपो तिराहे से कलक्ट्रेट तक पहुंचने में कई बार 15 से 25 मिनट लग जाती है। बड़ी वजह पार्किंग स्टैंडों का अभाव व कमजोर यातायात प्लान है। बजरंग कांटा, कल्याण सर्किल, डाक बंगला तिराह, पिपराली रोड पुलिया व परकोटा क्षेत्र में तो जाम आम बात है।

 

 

पार्किंग स्टैण्ड कागजों में
शहर में नगर परिषद व जिला प्रशासन कई बार पार्र्किंग स्टैण्ड घोषित कर चुके है। लेकिन इनकी पालना नहीं होती। हालत यह है कि ज्यादातर पार्किंग स्टैण्डों पर अतिक्रमण है। प्रशासन की ओर से पार्र्किंग स्टैण्डों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए भी कोई प्रयास नहीं किए गए। नगर परिषद ने पिछले वर्ष भी 12 स्थानों को पार्किंग स्टैण्ड घोषित किया था।

 

बस स्टैण्डों का निर्धारण
नवलगढ़ रोड, फतेहपुर रोड व जयपुर रोड सहित अन्य मार्गो के यातायात प्लान में हर बार बस स्टैण्डों का स्थान बदला गया। लेकिन फिर से बस स्टैण्ड पुराने स्थान पर ही आ जाते है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि पांच-छह महीने तक जनता को क्यो परेशानी दी गई।

 

 

टूटी गलियों की सडक़
शहर में सीवरेज सहित अन्य कार्य चलने के कारण ज्यादातर गलियों की सडक़ टूटी हुई है। ऐसे में लोगों को मजबूरन मुख्य मार्गो से ही सफर करना पड़ रहा है। जबकि सीवरेज कंपनी को जिला कलक्टर ने पिछले दिनों ही लाइन बिछाने के पांच दिन के भीतर सडक़ की मरम्मत करने के निर्देश दिए थे। इस कारण शहर के परकोटा इलाके में भी दिनभर जाम के हालात बने रहते है।

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