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यह कैसी गुड गर्वेनेंस! 19 लाख से ज्यादा शिकायत हुई दर्ज, पेंडिग है 2.5 लाख फ़रियाद

ऐसे में सरकार के गुड गर्वेनेस के दावे व वादों की पोल खुल रही है।

सीकरMar 22, 2018 / 03:04 pm

vishwanath saini

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फतेहपुर. चार सालों से गुड गर्वेनेंस देने वाली सरकार की कैसी गुड गर्वेनेंस है कि प्रदेश की मुखिया के यहां भी शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। इन शिकायतों का निस्तारण करने के लिए प्रदेश की मुखिया से लेकर मंत्री अधिकारी तक किसी को समय नहीं है। पीडि़तों की शिकायत एक दफतर से दूसरे दफतर तक सिमट कर रह गई ना ही तो शिकायर्ता को लाभ मिल पाया ना दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हो पा रही है। पिछले चार वर्षों पर इस पोर्टल पर लाखों लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई लेकिन एक पीड़ा यह भी है कि प्रदेश की मुखिया को शिकायत करने के बाद भी आज लाखों लोग अपनी शिकायत का निस्तारण होने इंतजार कर रहे हैं।

ऐसे में सरकार के गुड गर्वेनेस के दावे व वादों की पोल खुल रही है। एक जनवरी 2014 से 15 जनवरी 2018 तक कुल 19 लाख 29 हजार 652 विभिन्न विभागों से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई। इनमें से 16 लाख 63 हजार 506 शिकायतों का ही समाधान हो पाया। 2 लाख 66 हजार 146 शिकायतें अभी भी पेंडिग पड़ी है। संपर्क पोर्टल की शिकायतों का निस्तारण करने के लिए सरकार बार बार अधिकारियों को आदेर्शित कर चुकी है उसके बाद भी बड़ी संख्या में शिकायतें पेंडिग होना बड़ा सवाल है। मुख्यमंत्री ने संपर्क पोर्टल पर शिकायतों के निस्तारण के दावे किए थे, हार थक जब पीडि़त शिकायत करता है और वहां भी निस्तारण नहीं होने पर उसके बाद कोई उम्मीद नहीं रहती है।

पंचायती राज व नगर पालिका की है सबसे ज्यादा शिकायतें पेंडिंग
आम आदमी की सबसे ज्यादा शिकायतें स्थानीय निकायों से जुड़ी हुई होती है। इसी का नतीजा है कि पेंडिग शिकायतों में पंचायतीराज, नगर पालिका व ग्रामीण विकास विभाग की शिकायतें सर्वाधिक पेंडिग है। पंचायतीराज विभाग को उक्त समयावधि में 88249 शिकायतें प्राप्त हुई। उनमें से 38047 शिकायतों का निस्तारण नहीं हुआ। इसके अलावा स्थानीय निकायों की 120202 शिकायतें प्राप्त हुई उनमें से भी 29955 शिकायतों का कोई समाधान नहीं हुआ। गत चार सालों में ग्रामीण विकास विकास को सबसे ज्यादा 242436 शिकायतें प्राप्त हुई उनमें से 22103 शिकायतें पेंडिग है।

डूंगरपुर में कम जयपुर में ज्यादा

राजस्थान संपर्क पोर्टल पर सबसे कम पेंडेंसी की बात की जाएं तो डूंगरपुर जिले में सबसे कम महज 1571 पेंडेंसी है। वहीं जयपुर जिले में सबसे ज्यादा शिकायतें मिली व सबसे अधिक 35 हजार 236 शिकायतें पेंडिंग है।


जिलों की यह है स्थिति

जिला प्राप्त निस्तारित बकाया
जयपुर 150629 -115393 -35236
उदयपुर 108437 -101725 -6712
बीकानेर 93549 -85459 -8090
जोधपुर 91427- 74315 -17112
चितौडगढ़़ 81976 -76600- 5376
श्रीगंगानगर 80483 -72060- 8423
भीलवाड़ा 76139 -64681 -11458
भरतपुर 75131 -60897 -14234
अजमेर 71670- 61457 -10213
नागौर 67537 -57014 -10523
अलवर 65266- 52646 -12620
दौसा 64829- 53487- 11342
हनुमानगढ 57958- 51193- 6765
बाड़मेर 54009- 42813- 11196
राजसमंद 49516 -46183 -3333
सवाईमाधोपुर 49375 -40654- 8721
पाली 48935- 42853 -6082
कोटा 48477 -42518- 5959
टोंक 46349 -40071 -6278
बांसवाड़ा 46333 -43960- 2373
धौलपुर 46042 -39202- 6840
झुंझुनूं 45217 -39219- 5998
चूरू 45044 -39292 -5752
झालावाड़ 43590- 39550- 4040
सीकर 43468 -35860 -7608
बूंदी 42351 -37257- 5094
डूंगरपुर 40958 -39387 -1571
करौली 40308 -31578 -8730
बारां 38015 -33951- 4064
जालौर 36716 -31545 -5171
प्रतापगढ़ 35782- 33293- 2489
सिरोही 22371 -19903- 2468
जैसलमेर 21765 -17490 -4275

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