scriptप्रदेश में दो माह की बम्पर बारिश करेगी किसानों को निहाल | Two months of bumper rain Production will increase in the state | Patrika News
सीकर

प्रदेश में दो माह की बम्पर बारिश करेगी किसानों को निहाल

किसान बोले नमी बढऩे से रबी का बेहतर होगा उत्पादन
पहाड़ी इलाकों में रिचार्ज से जल स्तर में होगी बढ़ोतरी

सीकरSep 19, 2019 / 09:40 pm

Puran

 सीकर. ब्याजमुक्त लोन ओर गुणवत्ता परक खाद-बीज से किसानों को होगा फायदा

सीकर. ब्याजमुक्त लोन ओर गुणवत्ता परक खाद-बीज से किसानों को होगा फायदा

सीकर. प्रदेश में मानसून सीजन के दो माह की बम्पर बारिश इस बार किसानों को निहाल करेगी। बारिश के जमीन में गहराई तक नमी के जाने के कारण रबी की फसलों को बम्पर उत्पादन होगा। खेत व सार्वजनिक जगहों पर बने ट्यूबवैल और कुओं में पानी के रिचार्ज होने से किसानों के चेहरों पर खुशी नजर आ रही है। खास तौर पर पथरीली जमीन वाले इलाके में इसका ज्यादा फायदा होगा। सावन माह में बारिश के कारण इस बार खरीफ सीजन में फसलों की अच्छी बढ़वार हुई है। जिससे न केवल उत्पादन बढ़ेगा वहीं पशु चारे के संकट से भी निजात मिल जाएगी। गौरतलब है कि खरीफ सीजन में प्रदेश में 42 लाख हेक्टैयर से ज्यादा क्षेत्र में फसलें बोई गई है। वहीं इन फसलों की उत्पादकता में दस से 15 फीसदी की बढोतरी होने का अनुमान है।
यूं समझे फायदा

प्रगतिशील किसान शीशपाल सिंह ने बताया कि इस बार बारिश के कारण अक्टूबर-नवंबर में मौसम कम गर्म रहेगा। इसलिए सर्दी जल्दी आ सकती है। क्योंकि, इस साल मानसून प्रदेश के कई स्थानों पर अभी भी सक्रिय है। ऐसे में बारिश का दौर जारी रहने से तापमान में गिरावट रहेगी। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून की विदाई महीने के आखिरी में संभव है क्योंकि 25 सितंबर तक मौजूदा सिस्टम के सक्रिय रहने का अनुमान है। देर तक मानसून के सक्रिय रहने का प्रभाव अक्टूबर के तापमान पर भी पड़ेगा। धरती में नमी की मात्रा अधिक होने से तापमान में दो डिग्री तक की कमी बनी रह सकती है। इससे अक्टूबर में ज्यादा गर्मी नहीं होगी। मानसून की देर तक सक्रियता से रबी की फसलों को भी फायदा होगा। जिन क्षेत्रों में सिंचाई के साधन नहीं हैं, वहां रबी की फसलों खासकर दलहनी फसलों की बुवाई के लिए पर्याप्त नमी मिल जाएगी। इसलिए दलहन की बुवाई का क्षेत्रफल बढऩे की संभावना है।
इनका कहना है

दो माह की अच्छी बारिश से रबी की फसलों को फायदा होगा। सब कुछ ठीक रहा तो उत्पादन भी बढोतरी होगी। बरसों बाद ऐसा होने से किसानों को फायदा होगा।
एसआर कटारिया, उपनिदेशक कृषि

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