जांचधिकारी घासीराम ने बताया कि दोनों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कमलेश काफी शातिर है। वह फिक्स ग्राहकों को ही गांजा सप्लाई करता था। उसने लक्ष्मणगढ़ के अलावा फतेहपुर, दादिया में सप्लाई किए जाने के ग्राहक बना रखे थे। कमलेश मीणा पुत्र भंवरलाल व ताराचन्द जाट पुत्र भगवानसिंह को रानोली पुलिस ने दो दिन पहले हाइवे से ही गिरफतार किया था। उन्होंने बताया कि वह माल लाने के लिए बसों व ट्रेनों का ही प्रयोग करता था। वह उड़ीसा के अलावा मध्यप्रदेश, चितौडगढ़, बारा, झालावाड़ से भी माल लेकर आता था। वह करीब 15 साल से गांजे की तस्करी से जुड़ा हुआ है। इसके खिलाफ सीकर कोतवाली, लोसल, लक्ष्मणगढ़, अजमेर में भी पहले से मुकदमे दर्ज है। उसके खिलाफ पहला मुकदमा 25 साल की उम्र में 2005 में दर्ज हुआ था। रानोली थानाधिकारी राजेश डूडी ने दो दिन पहले ही रोडवेज की बस से 20 किलो गांजे के साथ गिरफ्तार किया था। बैग में भर कर ही गांजा लेकर आ जाता है। इसके बाद सीकर में ही सप्लाई करता है।
खंडेला के पांचों आरोपियों को भेजा जेल
670 किलो गांजे के साथ पकड़े गए पांचों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। खंडेला में देर रात दबिश देकर पांचों को गिरफ्तार किया था। मुख्य आरोपी तौफिक भाटी अभी गिरफ्तार नहीं हो सका है। पुलिस ने मुनीम गजानंद निवासी दौसा,हंसराज, कैलाश, सुरेश व विनोद को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि वह पंजाब में गांजे की सप्लाई लेकर जाते थे। वे किसी माल लेकर जाते थे और कहां से लेकर आते थे। पुलिस पूरे मामले की जांच में लगी हुई है। पुलिस तौफिक भाटी की भी तलाश में जुटी हुई है।
चोरी कर उपतहसील के पास डाला दान पात्र
पलसाना. किसी मंदिर से दान पात्र चोरी करने के बाद चोर दानपात्र को पलसाना उपतहसील कार्यालय के पास डाल गए। दानपात्र का ताला टूटा हुआ है और कुछ बिल और पर्चियां उसमें पड़ी हुई है। गौतम जांगिड़ ने बताया कि पास से गुजर रहे लोगों को जब दानपात्र पड़ा हुआ दिखाई दिया तो पास जाकर देखने पर दानपात्र का ताला टूटा हुआ था और कुछ बिल व पर्चिया उसके पास पड़े हुए थे।