कार्डधारी बोले, पीछे से होते हैं वीआइपी दर्शन
पत्रिका रिपोर्टर ने कई वीआइपी कार्डधारियों व स्थानीय लोगों से भी बातचीत की। इस दौरान कार्डधारियों ने बताया कि हमको एक टोल फ्री नंबर दिया हुआ है। इस नंबर पर खाटू पहुंचकर कॉल करना होता है। इसके बाद कार्ड नंबर बताते ही वहां एक कर्मचारी लेने आ जाता है और पीछे से वीआइपी दर्शन कराने के लिए ले जाता है।
एक महीने में आठ भक्त कर सकते हैं दर्शन
कार्ड की सदस्यता लेने वाले भक्तों को एक पंपलेट भी दिया जाता है। इस पंपलेट पर साफ लिखा है कि एक महीने में आठ लोग कभी भी आसानी से दर्शन कर सकते हैं। इसके अलावा चार-चार लोग दो बार में दर्शन कर सकते हैं। पंपलेट में यह भी लिखा है कि स्वागत कक्ष में सोमवार से शनिवार को सुबह आठ से रात सात बजे तक और रविवार को सुबह आठ से रात नौ बजे तक दर्शन के लिए संपर्क कर सकते हैं। यह भी लिखा कि आप सभी का मंदिर निर्माण में विशेष सहयोग है। इसलिए आपके लिए यह सेवा शुरू की गई है।
कार्ड से ऐसे होते हैं वीआइपी दर्शन
कार्ड को स्वागत कक्ष में ले जाने के बाद यहां कार्ड को स्कैन किया जाता है। इसके बाद दो सुरक्षा गार्ड के साथ कार्डधारक भक्तों को दर्शनों के लिए भेजा जाता है।
इधर, देवस्थान विभाग ने रिपोर्ट में लिखा, 7.20 करोड़ के कूपन छपवाए
देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त द्वितीय महेन्द्र देवतवाल की ओर से आयुक्त को भेजी रिपोर्ट में लिखा है कि मंदिर निर्माण के लिए 7.20 करोड़ के कूपन छपे थे, लेकिन इनका भी मंदिर कमेटी ने आज तक कोई हिसाब नहीं दिया है। इसके अलावा शेष रहे कूपनों के बारे में नहीं बताया गया। रिपोर्ट में यह भी लिखा कि विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर धनसंग्रह किए जाने की सोशल मीडिया पर चर्चा है।
‘आप मेले के बाद सम्पर्क करनाÓ
पत्रिका टीम ने कार्ड बनाने वालों तक भी सम्पर्क किया। कार्ड में दिए दिल्ली के मोबाइल नंबर पर कॉल किया तो पहले तो उन्होंने किसी परिचित का कार्ड नंबर की जानकारी देने की बात कही। इसके बाद उन्होंने अनिल बंसल के मोबाइल नंबर दिए और कहा कि आप इनसे खाटूश्यामजी मेले के बाद बात कर लेना। नया कार्ड बन जाएगा। इनसे हुई बातचीत के कुछ अंश।
रिपोर्टर: मैं जयपुर से बोल रहा हूं। मेरे दिल्ली के दोस्त देवेन्द्र ने आपके नंबर दिए हैं। मुझे भी नया कार्ड बनवाना है।
कर्मचारी: आपके परिचित व्यक्ति का कार्ड नंबर बता दें तो मैं आपको जानकारी दे सकता हूं।
रिपोर्टर: कार्ड नंबर तो याद नहीं है आप तो नए कार्ड बनवाने की प्रक्रिया बता दें।
कर्मचारी: इस तरह आपको जानकारी नहीं दे सकता।
रिपोर्टर: मेरे दोस्त ने तो पांच लाख रुपए का दान देकर कार्ड बनवाया था। क्या इससे दर्शन आसानी से हो जाएंगे?
कर्मचारी: हां आराम से दर्शन हो जाएंगे। आप अनिल बसंल से मेले के बाद बातचीत कर लेना नया कार्ड बन जाएगा।
इस तरह का मामला है तो जांच कराएंगे: कोषाध्यक्ष
मंदिर कमेटी की ओर से इस तरह के कोई कार्ड जारी नहीं किए जाते। यदि इस तरह का मामला है तो जांच कराई जाएगी।
कालूसिंह चौहान, कोषाध्यक्ष, श्याम मंदिर कमेटी
वीआइपी दर्शन के नाम पर कार्ड व्यवस्था गलत: विधायक
मंदिर निर्माण के लिए राशि एकत्रित करने के नाम पर कुछ लोगों को कार्ड जारी करने का मामला ध्यान में आया है। विधानसभा में वीआइपी दर्शनों का मामला उठाया था। इस तरह से भक्तों से भेदभाव करना गलत है। मामले की पूरी जांच होनी चाहिए।
वीरेन्द्र सिंह, विधायक, दांतारामगढ़
गंभीर मामला, पहले भी मिली है शिकायत: संभागीय आयुक्त
खाटूश्यामजी मंदिर में वीआइपी दर्शनों के नाम पर फर्जीवाड़े की शिकायत पहले भी मिली है। इसकी जांच कराई जाएगी। सीकर जिला कलक्टर से इस मामले में पूरी रिपोर्ट भी ली जाएगी। मंदिर में आने वाले चढ़ावा का पैसा भक्तों के हित में ही खर्चा होना चाहिए। यदि इस तरह से दर्शनों के लिए कार्ड जारी हुए हैं तो बेहद गंभीर मुद्दा है।
डॉ. समित शर्मा, संभागीय आयुक्त, जयपुर