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सीकर

शुरू हुआ आफत का खेल, इन पर किया भरोसा तो सूख जाएगा गला

गर्मी बढऩे के साथ ही पेयजल किल्लत शुरू हो गई है। आप जलदाय विभाग के भरोसे सुचारू जलापूर्ति के लिए नए ट्यूबवेल या पाइप लाइन बिछवाने की आशा कर रहे तो बेकार है।

सीकरApr 14, 2017 / 10:46 am

dinesh rathore

गर्मी बढऩे के साथ ही पेयजल किल्लत शुरू हो गई है। आप जलदाय विभाग के भरोसे सुचारू जलापूर्ति के लिए नए ट्यूबवेल या पाइप लाइन बिछवाने की आशा कर रहे तो बेकार है। इस बार पीक सीजन में न लीकेज सुधरेंगे न पाइप लाइन बिछ पाएगी। इसके अलावा खराब हुए ट्यूबवेल और हैंडपंप भी पानी के लिए लोगों को मुंह चिढ़ाते रहेंगे। इसकी मुख्य वजह सरकार की ओर से शिड्यूल ऑफ पॉवर को बदलना है। इस कारण जलदाय विभाग के पूर्व में हो चुके सभी टेंडर निरस्त हो गए। नए टेंडर की पूरी प्रक्रिया में दो से ढाई माह लग जाएंगे। एेसे में गर्मी के पीक सीजन में स्थिति भगवान भरोसे ही रहेगी।
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पुराने कार्य भी होंगे प्रभावित

शिड्यूल ऑफ पॉवर के तहत जिले में स्थानीय स्तर के अधिकारियों को टेंडर स्वीकृत करने और जारी करने के अधिकार दिए जाते हैं। जिससे पानी वितरण की व्यवस्था का ढांचा सुचारू चल सके। इसे देखते हुए गर्मी से पहले जलदाय विभाग लीकेज निकालने, पाइप लाइन बिछाने, ट्यूबवेलों की मरम्मत करने, नई पेयजल टंकी व ट्यूबवैल बनाने के लिए टेंडर करना शुरू कर देता है। जिससे अप्रेल, मई व जून में पानी की बूंद-बूंद का उपयोग हो सके, लेकिन इस बार इन कार्यों की स्वीकृति से पहले चीफ इंजीनियर जयपुर से बीएसआर की अनुमति लेनी होगी। इसके बाद ही टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे।एेसे में नए ट्यूबवेल व टंकी बनना तो दूर पुराने ढांचे को भी संधारित नहीं किया जा सकेगा। 
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अधिकारियों ने भी माना

जलदाय विभाग के एसई एसडी मीना का कहना है कि शिड्यूल ऑफ पॉवर चेंज होने के कारण पूर्व में हो चुके सभी टेंडर निरस्त हो गए हैं। नए टेंडर की प्रक्रिया में लगने वाले समय के कारण इस बार पीक सीजन में लोगों को परेशानी आएगी। समस्या के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है।
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