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सीकर

हम उस शहर के वासी हैं जिस शहर में सडक़ें सहती हैं…!

We are residents of the city in which the roads bear…!शहर की खस्ताहाल सडक़ें यहां के अव्यवस्थित व ठप ड्रेनेज सिस्टम की गवाह बन चुकी हैं। प्रमुख सडक़ों पर बारिश का पानी जमा होने से ये सडक़ें मियाद से पहले ही दम तोड़ चुकी हैं। बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो रहीं ये सडक़ें अब जानलेवा भी हैं।

सीकरAug 04, 2021 / 06:16 pm

Gaurav

हम उस शहर के वासी हैं जिस शहर में सडक़ें सहती हैं...!

हम उस शहर के वासी हैं जिस शहर में सडक़ें सहती हैं…!

We are residents of the city in which the roads bear…!
-शहर की ज्यादातर प्रमुख सडक़ें हुई बदहाल
-बारिश में पड़े बड़े-बड़े गड्ढे


सीकर. बारिश(monsoon)के मौसम में वैसे तो खुशियां बटोरी जाती हैं। चारों तरफ खुशहाली का माहौल होता है। लेकिन इन खुशियां के ऑन एअर होने के साथ-साथ कई परेशानियां भी सामने आती हैं। हर बारिश खराब होने वाली सडक़ें उस परेशानी में से एक हैं। दोयम दर्जे की निर्माण सामग्री इस्तेमाल और बदतर ड्रेनेज सिस्टम के चलते इस सीजन भी शहर की अधिकतर प्रमुख सडक़ों के हाल कमोबेश यही हैं।

अनगिनत सडक़ें अब ‘डेंजर रोड’
शहर की मुख्य जयपुर रोड, रीको रोड, सिल्वर जुबली रोड, जाटिया बाजार, बजाज रोड, फतेहपुर रोड, सालासर बस स्टैण्ड इलाका या फिर बाहरी कॉलोनियों की अनगिनत सडक़ें मानसून की झमाझम में खस्ताहाल हैं। सडक़ों में बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिनमें पानी भरा रहता है। वाहन चालक इन गड्ढ़ों से बचकर निकलने की जुगत में रहते हैं। फिर भी वे आए दिन चोटिल हो रहे हैं।

केपिटल के लिए डम-डम…डिगा-डिगा!
जयपुर रोड के हाल सबसे ज्यादा बुरे हैं। बारिश के चलते जयपुर रोड पर कई जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं। बता दें सबसे ज्यादा कि बसें इसी रोड से आती या फिर जाती हैं। वहीं निजी वाहनों की तो इस रोड पर भरमार रहती है। ऐसे में इस मार्ग से गुजरना बड़ा दुश्वार हो रहा है।

सावधान! पैदल निकले तो हो जाएंगे बदरंग
शहर खस्ताहाल सडक़ों पर पानी भरे रहने के कारण यहां से पैदल गुजरना किसी खतरे से कम नहीं हैं। सडक़ों पर मौजूद गड्ढों से बड़े वाहनों के गुजरने के साथ ही यहां का पानी उछलकर वहां से पैदल गुजरने वाले लोगों को बदरंग कर जाता है। कई बार छोटे वाहन चालक अपने को बचाने के चक्कर में खुद गिर भी जाते हैं।

बारिश बाद कीचड़ ‘री-स्टोर’
बारिश जाने के बाद इन खस्ताहाल सडक़ों पर कीचड़ का आलम रहता है। कई कई दिनों तक यहां रुका हुआ पानी कीचड़ में तब्दील हो जाता है। जिसमें फिसलकर गिरने का डर रहता है। वहीं गंदगी इक्टठी होने से मच्छर-मक्खी की भरमार रह रही है।
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