हर साल 85 हजार से अधिक आवेदन
शिक्षा, पंचायतीराज, महिला एवं बाल विकास, राजस्व विभाग व विद्युत कंपनियों में हर साल उ”ा अध्ययन व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अवकाश को हर साल 85 हजार से अधिक आवेदन आ रहे हैं। लेकिन नियमों में छूट का प्रावधान नहीं होने की वजह से कर्मचारियों का उ‘च शिक्षा का सपना टूट रहा था।
महकमों को भी फायदा
कर्मचारियों के उ”ातर अध्ययन से होने वाली स्किल में बढ़ोतरी का फायदा सरकारी महकमों को भी मिलेगा। कर्मचारी नेता भंवर सिंह का कहना है कि कई साल पहले कर्मचारियों को कम्प्यूटर कोर्स कराया गया था। इसका फायदा अब सरकारी महकमों को ही मिल रहा है।
केस 01: बीच में छोडऩी पड़ी एमएससी की पढ़ाई
सीकर निवासी मनस्वी शर्मा का पिछले साल द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में चयन हो गया था। इस दौरान वह सीकर के एक निजी कॉलेज से नियमित विद्यार्थी के तौर पर एमएससी की पढ़ाई कर रही थी। लेकिन नियुक्ति के लिए जिला पाली मिला। पढ़ाई छोडऩी पड़ी। ओपन विवि से दुबारा पढ़ाई शुरू की है।
केस 02: शिक्षक बना लेकिन स्नातक अधूरी
करौली निवासी जितेन्द्र सिंह का पिछली भर्र्ती में बीएसटीसी के आधार पर शिक्षक भर्ती में चयन हो गया। इस दौरान वह स्नातक की पढ़ाई कर रहे थे। उन्होंने तृतीय श्रेणी अध्यापक के पद पर कार्यग्रहण तो कर लिया, लेकिन उनका सपना प्रशासनिक सेवा में जाने का है। पुराने नियमों की वजह से वह स्नातक भी पूरी नहीं कर पा रहे थे।
नहीं टूटेगा उ”ा अध्ययन का सपना
उ‘च शिक्षा हासिल करना कर्मचारियों का अधिकार है। प्रोबेशनकाल पूरा नहीं होने की वजह से सैकड़ों कर्मचारी हर साल पढ़ाई छोडऩे पर मजबूर थे। वित्त विभाग के छूट देने से कर्मचारियों को काफी फायदा मिलेगा। -महेन्द्र पाण्डे, महामंत्री, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ