राहत: मनरेगा के खाते में 300 करोड़
सवा दो माह में राशि आवंटन, शुरू होंगे अटके काम
सिंगरौली । नक्सलवादियों की धमकी तथा मनरेगा से मजदूरों की बेरुखी को देखते हुए आखिरकार केंद्र सरकार का दिल पसीज गया। राज्य सरकार के मनरेगा खाते में केंद्र ने 300 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए। साथ ही मजदूरों तथा निर्माण सामग्री आपूर्तिकर्ताओं को बकाया राशि का भुगतान शुरू हो गया है। मनरेगा सूत्रों से पता चला है कि शनिवार शाम को प्रदेश के मनरेगा खाते में 300 करोड़ का फण्ड ट्रांसफर किया गया है। सोमवार से इसके भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो गई, लेकिन सर्वर की गति बहुत धीमी होने से एफटीओ (फण्ड ट्रांसफर ऑर्डर) जारी नहीं हो पाया।
सिंगरौली में 13 करोड़
सूत्रों का कहना हैं कि अकेले सिंगरौली जिले के मजदूरों के ही 12 करोड़ 89 लाख रुपए बकाया चल रहे हैं। इसी प्रकार सामग्री के बदले साढ़े चार करोड़ रुपए बकाया हैं। कुल मिलाकर करीब 17 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है। इसके मुकाबले सिंगरौली जिले से केवल दो से ढाई करोड़ रुपए के ही बैंकों के नाम एफटीओ जारी किए जा सके। इसका प्रमुख सर्वर डाउन होना है। इसके चलते एफटीओ डाउनलोडिंग में दिक्कत आ रही हैं।
दो तिहाई राशि शेष
मनरेगा के आंकड़े बताते हैं कि गत पखवाड़ा तक मजदूरी तथा निर्माण सामग्री के बदले करीब नौ अरब रुपए की बाकियात चल रही थी। उसके मुकाबले केवल तीन सौ करोड़ रुपए ही ट्रांसफर किए गए है। इस प्रकार राज्य सरकार को अब भी करीब छह अरब रुपए की आवश्यकता रहेगी।
फीकी रही होली
पिछले सवा दो माह से मजदूर अपनी मजदूरी को तो सामग्री आपूर्तिकर्ता अपनी राशि को लेकर पंचायतों के चक्कर काट रहे थे। इसके चलते मजदूरों की होली भी रंगविहीन निकली। राशि के अभाव में गांवों में बड़ी संख्या में लोग होली नहीं मना सके क्योंकि एक बड़ा तबका मनरेगा की मजदूरी पर निर्भर हैं।
बता दें कि 7 फरवरी के बाद से प्रदेश के मनरेगा खाते में एक पैसा नहीं रहा। इस कारण गांवों में श्रमिकों का इस योजना से मोह भंग हो रहा था। यहां तक कि सरपंचों को श्रमिकों के विरोध का सामना करना पड़ रहा था। इसके आगे पंचायत राज के अधिकारी भी बेबस थे, क्योंकि उक्त राशि का आवंटन केन्द्र सरकार करती है। बजट पारित होने के बावजूद केन्द्र सरकार की ओर से राज्यों को बजट का उप आवंटन नहीं किया गया। इससे कई समस्याएं उत्पन्न हो गई।
पत्रिका ने उठाई पीड़ा
बता दें कि पत्रिका ने 20 मार्च को खबर प्रकाशित कर मनरेगा की बदहाली की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया था। खबर में बताया गया कि 7 फरवरी के बाद से प्रदेश के मनरेगा खाते में एक टका तक नहीं है। सिंगरौली जिले में 7.55 करोड़ रुपए श्रमिकों तथा 2.90 करोड़ रुपए सामग्री के बकाया थे। सतना जिले में 619.91 लाख, सिधी में 797.44, पन्ना में 635.31 लाख रुपए बकाया बताए गए हैं। प्रदेश स्तर पर 18 मार्च तक मजदूरों व सामग्री पेटे 477.6282 करोड़ रुपए बकाया निकल रहे थे।