प्रदर्शनकारी ग्रामीणों की शिकायत थी कि कंपनी की ओर से मुआवजे में मनमानी की गई है। सर्वे में भू अर्जन क्षेत्र के घर-मकान, बोर या ऐसी ही दूसरी स्थाई संपति को शामिल नहीं किया गया। इस कारण ग्रामीणों को उनकी भूमि व संपत्ति का उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा। वहां मौजूद एडीएम व अन्य अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों व विधायक वर्मा को समझाईश कर मामला शांत कराया। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए। इस दौरान काफी समय तक जन सुनवाई स्थल पर शोर शराबा व हंगामा होता रहा।
उल्लेखनीय है कि वहां एपीएमडीसी कंपनी की ओर से ओपन कोल माइंस के लिए 1296 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। इसकी प्रक्र्रिया जारी है। इसके तहत ही पूर्व कार्यक्रम के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय नियंत्रण अधिकारी कार्यालय की ओर से झलरी में इस परियोजना के संबंध में पर्यावरणीय जन सुनवाई की गई। इसी दौरान ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर नाराजगी जताई।
अधिकारियों ने किया शांति का दावा दूसरी तरफ प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय नियंत्रण अधिकारी केएल चौधरी ने बताया कि जन सुनवाई सुबह 11 से तीन बजे तक चली। इसमें कलेक्टर के प्रतिनिधि के तौर पर एडीएम भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि जन सुनवाई से पहले कार्यालय में पांच लोगों की ओर से आपत्ति दी गई थी। शुक्रवार को मौखिक तौर पर ग्रामीणोंं ने आपत्ति दी है। इनका मिलान हो रहा है। उन्होंने जन सुनवाई शांतिपूर्ण चलने व संपन्न होने का दावा किया है।