सबसे अधिक चमगादड़ माड़ा तहसील क्षेत्र के ग्राम पडऱी खूटा टोला में मृत पाए गए। ग्रामीणों की ओर से इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गई तो महकमे के अधिकारी हरकत में आ गए। वन विभाग की टीम पशु विभाग के चिकित्सकों के साथ मौके पर जा पहुंची। प्राथमिक पड़ताल में इतनी भारी संख्या में चमगादड़ों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।
अधिकारियों ने जांच के मद्देनजर कुछ मृत चमगादड़ों को सेंपल के तौर पर कब्जे में लिया है। बाकी को वहां गहरे गड्ढों में दफना दिया गया है। बताया गया कि गांव में जनार्दन सिंह के घर के समीप आम का बगीचा है। बगीचे में चमगादड़ों का झुंड देखा जाता रहा है, लेकिन सुबह करीब सात बजे जमीन पर भारी सख्ंया चमगादड़ गिरे देखे गए। इतना ही नहीं सुबह भी पेड़ से चमगादड़ों का मृत होकर गिरने का सिलसिला जारी रहा।
बाग में चमगादड़ों के मरने की खबर गांव में चर्चा का विषय बन गई। इसी बीच एक ग्रामीण ने स्थानीय वन अधिकारी को इसकी जानकारी दी और फिर अमला हरकत में आ गया। इस घटना से प्रशासन अलर्ट पर है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि देश के अन्य स्थानों में ऐसी घटनाएं सामने आईं हैं। एहतियात बरता जा रहा है।
गुफा से लेकर 20 किमी तक चमगादड़ का डेरा
बताया गया है कि माड़ा स्थित ऐतिहासिक गुफाओं के साथ ही 20 किलोमीटर जंगली इलाके में चमगादड़ बहुत बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। दिन में इनके छिपे होने के कारण लोगों का अधिक पता नहीं था, लेकिन जब पेड़ों के नीचे पत्ते की तरह झड़े हुए इनके शव देखे तो लोग हतप्रभ रह गए। मैदानी अमले ने इसकी सूचना अधिकारियों को दी तो जांच दल मौके पर भेजा गया।
वर्जन –
भारी संख्या में चमगादड़ों की मौत की सूचना मिली है। पड़ोसी राज्य के कुछ स्थानों में भी इस तरह की घटना सुनने में आई है। जांच के लिए सैंपल लिया गया है।
केवीएस चौधरी, कलेक्टर सिंगरौली।