सिंगरौली। प्रशासन की नाक के नीचे मोरवा थाना क्षेत्र के बरवानी गांव में चल रहा अवैध ईंट भट्ठा दो किशोरों को निगल गया। वे बुधवार की सुबह नहीं देख पाए। तड़के करीब चार बजे ईंट भट्ठा गिर गया, जिसमें बगल में सो रहे दोनो किशोर मजदूर उसी में दब गए और उनकी दर्दनाक मौत हो गई। घटना में एक युवक घायल भी हुआ है।
इतनी बड़ी घटना तक हुई जब जिले में ईंट भट्ठा के निर्माण पर रोक लगी हुई है। बैढऩ मुख्यालय के आस पास ही करीब 50 से ज्यादा अवैध ईंट भट्ठा चल रहे हैं।
ठंड से बचने के लिए ईंट भट्ठा के पास सो रहे थे
मिली जानकारी के अनुसार ठंड से बचने के लिए ईंट भट्ठा के पास सो रहे थे। जहां तड़के ईंट भट्ठा भरभराकर गिरा और दोनों की मौके पर मौत हो गई। वहीं उसकी चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गया है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं हादसे में घायल को उपचार के लिए नेहरू चिकित्सालय में भर्ती कराया है। पुलिस के अनुसार भट्ठा से निकल रहे जहरीले धुएं की वजह से ये हादसा हुआ।
मौके पर मौत
बताते हैं घिनहागांव निवासी दिनेश साकेत (16) पिता बच्चेलाल साकेत एवं अवनीश कुमार साकेत (16) पिता ओमप्रकाश साकेत की मौके पर मौत हो गई। वहीं गंभीर रूप से घायल भट्ठा मालिक मुकेश जायसवाल का उपचार चल रहा है। बता दें कि ग्रामीण अंचलों में लाल ईंट भट्ठा का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। लाल ईंट भट्ठा का कारोबार प्रतिबंधित है। इसके बावजूद भी लोग मनमानी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अवैध रूप से लाल ईट भट्ठा में ज्यादातर नाबालिक काम करते है।
गांव में मातम का माहौल
दो किशोरों की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। गांव के लोगो में चर्चाएं बनी है कि ईंट भट्ठा के बगल में नहीं सोते तो ऐसी घटना देखने को नहीं मिलती। दोनो किशोर पेट चलाने के लिए ईंट भट्ठा में काम कर रहे थे। ताकि खाने बगैर न मरें। लेकिन ईंट भट्ठा दोनो किशोर की जिंदगियों को ले डूबा। किशोर बच्चे काम करके पेट पाल रहे हैं। इसकी परवाह श्रम विभाग को नहीं है। श्रम विभाग की योजनाएं तो सिर्फ कागजों तक सिमित हंै। इस तरह की चर्चाएं गांव में सुनने को मिल रही हैं।
बदहवास हालत में परिजन
दोनों किशोरों की मौत की सूचना सुनते ही परिजन बेहोशी हालत में हो गए और फूट-फूटकर रो पड़े। किशोर का शव गांव पहुंचते ही दोनो के मां बेहोशी हालत में हो गई थी। वहीं पड़ोस के लोग भी शव को देखते ही रो पड़े। इस दर्दनाक घटना से गांव में सनाका खीच गया है। इससे साबित हो गया कि दोनो किशोर परिवार चला रहे थे, जो ईंट भट्ठा में मजदूरी करते थे। परिजन शव को देखकर चारो खाने चित्त हो गए। उन्हों ने ईंट भट्ठा ठेकेदार पर आरोप लगाया कि यदि वहां नहीं सोते तो दोनो की जान बच सकती थी।
ठंड से बचने को सो रहे थे भट्ठा के पास
स्थानीय लोगों ने बताया कि रात में कड़ाके की ठंड पडऩे से दोनों किशोर धधक रही ईंट भट्ठा के पास में सो रहे थे। तभी तड़के सुबह अचानक भट्ठा भरभराकर किशोरो के ऊपर गिर गया, जिससे दोनो की मौत हो गई। वहीं एक गंभीर रूप से घायल हो गया है। जिसका उपचार नेहरू चिकित्सालय में चल रहा है। ठंड की जतन ने दोनो किशोरों की जान ले ली। मृतक के घरों में मातम का महौल पसरा हुआ है। दोनो की मां बेहोशी हालत में पड़ी हैं।